भोपाल । आर्थिक तंगी के इस दौर में सरकार के लिए परियोजनाएं भी घाटे का सौदा बनती जा रही है। लेटलतीफी के कारण कई परियोजनाएं ऐसी हैं जिनकी लागत कई गुना बढ़ गई हैं। विधानसभा में पेश की गई कैग की रिपोर्ट में परियोजनाओं की लेटलतीफी की पोल खोली गई है। रिपोर्ट के अनुसार अनावश्यक विलंब से परियोजनाओं की लागत अरबों रूपए बढ़ गई हैं।
कैग ने भोपाल नगर निगम द्वारा चलाई जा रही हाउसिंग फॉर ऑल स्कीम पर सवाल उठाए हैं। बीएमसी 364.97 करोड़ रुपए की लागत से सबको घर देने की तीन परियोजनाओं पर काम कर रहा था। लेकिन ये समय पर पूरी न हो सकीं। इसलिए बीएमसी को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। कैग ने कहा है कि इन परियोजनाओं के लिए पहले ही कर्ज जुटा लिया गया था। लेकिन काम में अनावश्यक विलंब होता रहा। बीएमसी के साथ पीएचई और नर्मदा घाटी प्राधिकरण में भी इस तरह की लेटलतीफी देखने को मिली। इससे 5,870 करोड़ रुपए की परियोजना की लागत बढ़कर 14,863 करोड़ हो गई। यानी समय पर काम पूरा न होने से इन परियोजनाओं की लागत 153 फीसदी या 8,993 करोड़ रुपए बढ़ी। केंद्र सरकार ने वर्ष 20-21 में सरकार को 12,257 करोड़ रुपए की जगह केवल 5,293 करोड़ की ही जीएमटी क्षतिपूर्ति दी। इससे सरकार का राजस्व 6,964 करोड़ रुपए घट गया।
कैग ने सरकार के पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर भी आपत्ति लेते हुए कहा है कि एक घाटे में चल रही राज्य सरकार पूंजीगत व्यय बढ़ाने के साथ-साथ उन सरकारी कंपनियों पर निवेश क्यों कर रही है जिनका मूल्यांकन शून्य हो चुका है। कैग रिपोर्ट में सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि सरकार लगातार उधारी बढ़ा रही है। 20-21 में अपनी राजस्व प्राप्तियों का 9.56 फीसदी हिस्सा केवल कर्ज का ब्याज चुकाने में देना पड़ रहा है। यह 2016-17 में केवल 6.43 फीसदी था।
कोविड के कारण मप्र के जीएसडीपी में 19,850 करोड़ रुपए (2.10 फीसदी) की कमी आई। सरकार पूंजीगत व्यय बढ़ा रही है। लेकिन वह घाटे में है। उसे शून्य मूल्यांकन वाली सरकारी कंपनियों में निवेश बंद करना चाहिए। सरकार को राष्ट्रीय पेंशन स्कीम से जुड़े कर्मचारियों का अंशदान 4, 217.97 करोड़ रहा, जबकि सरकार ने इसमें 4,849.91 करोड़ मिलाया। दोनों का योग 9,067.88 करोड़ था। लेकिन मप्र सरकार ने केवल 8,790.67 करोड़ रुपए ही जमा कराए। सरकार को बाजार से लिए कर्जों पर 6.12 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ा। लेकिन शासन द्वारा दिए कर्ज और एडवांस पर उसे महज 0.20 फीसदी ही ब्याज मिला। कर्ज 2020-21 में 28.98 फीसदी बढ़ा है।
कैग की रिपोर्ट ने खोली परियोजनाओं की लेटलतीफी की पोल
रोजाना खाली पेट काली चाय पीने से मिलेंगे गजब के फायदे
ब्लैक टी सेहत के लिए फायदेमंद होती है। इस चाय के सेवन से शरीर पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। बदलते मौसम में होने वाली परेशानियों से निजात मिलता है।इस मौसम में असामान्य तापमान के चलते सर्दी, खांसी और बुखार का खतरा बढ़ जाता है।
इम्यून सिस्टम
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इम्युनिटी कमजोर रहने से बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं, जो वायरल संक्रमण को रोकने में मददगार साबित होते हैं। इस चाय के सेवन से इम्युनिटी मजबूत होती है। इस चाय में मौजूद कैफीन सेहत के लिए फायदेमंद होता है। साथ ही शरीर में शक्ति का संचार होता है। इसके लिए रोजाना सुबह में ब्लैक टी का सेवन कर सकते हैं।
कैंसर का खतरा
National Cancer Institute की शोध में खुलासा हुआ है कि ब्लैक टी पीने से कैंसर का खतरा कम होता है।इसमें पॉलीफेनोल्स पाया जाता है,जो ट्यूमर के बढ़ने के खतरे को कम करता है। इससे स्किन, ब्रेस्ट, लंग और प्रोस्टेट का खतरा कम हो जाता है।
दिल के लिए
ब्लैक टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स हृदय के लिए फायदेमंद होता है।नियमित रूप से ब्लैक टी पीने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है। साथ ही उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है।इसके लिए रोजाना सुबह में खाली पेट ब्लैक टी जरूर पिएं।
हर जिले का वचन पत्र बनाएगी कांग्रेस
भोपाल । अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अभी से तैयारी में जुट गई है। पिछले दिनों भोपाल में हुई बैठक के बाद यह तय हुआ है कि प्रदेश के साथ हर जिले का वचन पत्र बनवाया जाए। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी प्रदेश स्तरीय कमेटी में 8 लोगों को शामिल किया गया है, जिन्हें अलग-अलग जिलों में वचन पत्र समिति प्रभारी भी बनाया गया है।
यह वचन पत्र अगले तीन महीने में बनकर तैयार होगा। पार्टी के निर्देश है कि इसे बनाते समय जिले के प्रभारी, सह प्रभारी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष व पदाधिकारी, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक, स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधि, मोर्चा संगठन अध्यक्ष, विभाग-प्रकोष्ठ अध्यक्ष से चर्चा करना होगा। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों, प्रतिष्ठित नागरिकों (डॉक्टर, इंजीनियर, उद्योगपति, व्यापारी) से भी सुझाव लेना होंगे।
समिति के सदस्य हर क्षेत्र और हर तबके की राय के आधार पर वचन पत्र तैयार किया जाएगा। वचन पत्र के लिए डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुद्दों पर विचार किया जा रहा है। डीजल-पेट्रोल पर से टैक्स कम करना, नर्मदा संरक्षण और शराबबंदी जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया जा सकता है। नर्मदा संरक्षण के लिए कानून बनाने का मुद्दा शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है। कांग्रेस लोगों से डीजल-पेट्रोल पर वैट और इंट्री टैक्स कम कर सस्ता करने का वादा भी करने जा रही है। वचन पत्र में युवाओं को रोजगार, महिला सुरक्षा, कुपोषण, मातृ एवं शिशु मृत्युदर को कम करना, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक सुधार, सिंचाई का रकबा बढ़ाना, निवेश एवं औद्योगिकीकरण, शराबबंदी, फूड प्रोसेसिंग प्लांट और आई पार्क स्थापित करना, नर्मदा संरक्षण के लिए कानून बनाने का मुद्दा भी वचन पत्र में शामिल किया जाएगा।
नरसिंहपुर में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- शंकराचार्यजी ने कराए थे सिंहस्थ में श्रीयंत्र के दर्शन
नरसिंहपुर । भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सोमवार को परमहंसी गंगा आश्रम पहुंचे। उन्होंने ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के समाधि स्थल पर पूजन कर नमन किया, प्रदक्षिणा की। इस मौके पर उन्होंने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द व द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती से आशीर्वाद लिया। विजयवर्गीय ने शंकराचार्यजी से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वर्ष 2004 के सिंहस्थ में उन्हें गुरुजी के दर्शन का सौभाग्य मिला था। गुरुजी ने अपने पूजन स्थल पर उन्हें श्रीयंत्र के दर्शन कराए थे, जिसे देखकर वह मन्त्रमुग्ध हो गए थे। उसके बाद से ही वह गुरुजी के प्रति समर्पित थे। विजयवर्गीय परमहंसी में करीब आधा घंटे रुके। उनके साथ नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल सहित जबलपुर व अन्य स्थानों से आए कार्यकर्ता, समर्थक मौजूद रहे। सभी ने भगवती त्रिपुर सुंदरी माता मंदिर में जाकर पूजन भी क़िया। इस मौके पर आश्रम की ओर से ब्रह्मचारी अचलानन्द सहित अन्य ब्रह्मचारी, पंडितों की मौजूदगी रही।
नेचुरल ग्लो के लिए रोजाना पिएं हर्बल टी
हेल्थ के अलावा स्किन के लिए भी यह टी बहुत फायदेमंद है। हर्बल टी की बात करें, तो यह चाय की पत्तियों और उपचार जड़ी बूटियों का एक मिश्रण है,जो आपकी काफी हेल्थ प्रॉब्लम्स को पनपने से पहले ही रोकती है। बदलते मौसम में जैसे शुरुआती सर्दियों में आपको रोजाना एक कप हर्बल टी जरूर पीनी चाहिए।
एंटी एजिंग गुण
आपको अगर नेचुरल ग्लो चाहिए, तो अपनी डाइट में हर्बल टी को जरूर शामिल करें। हर्बल टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स की बदौलत एजिंग को स्लो डाउन कर सकते हैं। इससे आपकी कई स्किन प्रॉब्लम्स भी ठीक हो जाती हैं।
डाइजेशन रहता है बेहतर
हर्बल टी पीने से डाइजेशन सिस्टम बेहतर होता है। पुदीना, हर्बल चाय में एक घटक, भूख को दबाता है और ज्यादा खाना खाने की इच्छा को कम करता है। फैट को कम करने के साथ यह एसिडिटी, सूजन और उल्टी की संभावना को कम करने में भी मदद करते हैं।
स्ट्रेस कम होता है
जब तनाव कम करने और अनिद्रा का इलाज करने की बात आती है, तो हर्बल चाय इन प्रॉब्लम्स पर बहुत अच्छा काम करती है। अनिद्रा का अनुभव करने वाले कई लोगों के लिए अक्सर सोने से पहले हर्बल चाय पीने की सलाह दी जाती है।
कई बीमारियों से बचाव
हर्बल चाय में एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन शामिल होते हैं,जो आपको स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।वे बीमारी और संक्रमण से लड़ने में आपकी मदद करने की क्षमता रखते हैं।वे आपको ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं और पुरानी बीमारियों के खतरे को कम करते हैं।
बॉडी डिटॉक्स होती है
डिटॉक्सिफिकेशन हेल्दी रहने के लिए बहुत जरूरी प्रोसेस है।आपके शरीर से टॉक्सिक को बाहर निकालकर आपको स्वस्थ रखने में हर्बल चाय मदद करती है। ऐसे में रोजाना एक कप हर्बल टी तो जरू पिएं।
मुख्यमंत्री ने झाबुआ के एसपी अरविंद तिवारी को तत्काल हटाया
भोपाल | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अरविंद तिवारी आईपीएस को झाबुआ एसपी के पद से तत्काल हटा दिया।उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी को अपने आदेश पर तत्काल अमल करने के लिए कहा और गृह विभाग मंत्रालय से आदेश जारी हो गए।बताया गया है कि झाबुआ में रविवार की रात पॉलिटेक्निक कॉलेज के हॉस्टल में कुछ स्टूडेंट्स के बीच में लड़ाई हो गई थी।स्टूडेंट्स इसकी शिकायत करने पुलिस थाने गए थे लेकिन थाने से उन्हें भगा दिया गया।जब स्टूडेंट्स पुलिस थाने की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने झाबुआ के पुलिस अधीक्षक अरविंद तिवारी को फोन कर प्रोटेक्शन की मांग की। स्टूडेंट्स का आरोप है कि झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी ने उनके साथ बेहद अभद्रता के साथ बात की।
इस संदर्भ में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में जैसे ही यह मामला आया, उन्होंने सुबह की समीक्षा बैठक में मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव एवं मध्य प्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को निर्देशित किया कि वह तत्काल प्रभाव से झाबुआ एसपी को हटाए। मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन करते हुए गृह विभाग मंत्रालय से अरविंद तिवारी को झाबुआ एसपी के पद से हटाने के आदेश जारी हो गए।
2023 में एसपी स्तर के अफसरों की होगी कमी
भोपाल । मध्यप्रदेश में भारतीय पुलिस सेवा के कई अधिकारियों का आने वाले कुछ महीनों में रिटायरमेंट हो रहा है। इन अफसरों के रिटायरमेंट के कारण आईपीएस के सबसे निचले क्रम के पद एसपी स्तर पर 2023 में भी अफसरों की कमी हो सकती है। इस कारण सरकार को मैदानी पदस्थापना में भेजना पड़ेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में आईपीएस अफसरों की कमी लगातार बनी हुई है। ऐसे में अगर वरिष्ठ आईपीएस अफसर रिटायर होते हैं कि इसका असर मैदानी पदस्थापना में दिखने लगता है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के 4 सीनियर आईपीएस अफसर तीन महीने के अंदर रिटायर होने जा रहे हैं। इसी साल डेपुटेशन में सीआरपीएफ में स्पेशल डीजी रहे यूसी सारंगी भी रिटायर हो चुके हैं। केंद्र से ही डीजी बीएसएफ एसएल थाउसेन भी रिटायर होंगे। थाउसेन का कार्यकाल नवंबर अगले साल तक का है। ऐसे में मध्य प्रदेश थाउसेन का आना संभव नहीं है। अक्टूबर में सीआईएसएफ में पदस्थ एडीजी प्रमोद श्रीपद फाल्निकर और स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अफसरों के रिटायरमेंट के साथ प्रमोशन भी नए साल में होंगे। एडीजी रैंक के अफसरों की पदोन्नति होगी। इसके लिए पीएचक्यू के गृह विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार, तीन महीनों में चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रिटायर हो जाएंगे। वही आरटीओ कमिश्नर रहे मधुकुमार अभी लूप लाइन में हैं, वे भी दिसंबर में रिटायर हो जाएंगे। इन सबके बीच नए डीजी को लेकर चर्चा तेज है। गाजीराम मीणा दिसंबर में रिटायर होंगे। इसके अलावा तत्कालीन आरटीओ कमिश्नर रहे वी मधुकुमार भी अभी लूप लाइन में हैं और दिसंबर में वो भी रिटायर हो जाएंगे। राज्य सरकार ने जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दिया था। कुमार अभी पीएचक्यू में एडीजी हैं। वहीं इसी साल तीन स्पेशल डीजी रैंक से अधिकारी भी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मार्च स्पेशल डीजी (फायर) एम आर अरुण, मई में स्पेशल डीजी लोकायुक्त राजीव टंडन और जुलाई में स्पेशल डीजी एसएएफ मिलिंद कनस्कर रिटायर हो चुके हैं। वहीं डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना के पहले 1986 बैच के पुरुषोत्तम शर्मा भी रिटायर हो जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि यदि महकमे से सस्पेंड चल रहे शर्मा पत्नी के साथ मारपीट मामले में नहीं फंसते तो मौजूदा डीजीपी से पहले उन्हें जिम्मेदारी मिलती।
पुलिस मुख्यालय में क्षमता से अधिक एडीजी रैंक के अधिकारी पदस्थ है। कई अफसरों के पहले अहम विभाग नहीं है। ऐसे में अफसरों ने नए डीजीपी के लिए चर्चा शुरू कर दी है। सीनियरटी के अनुसार शैलेंद्र सिंह, अरविंद कुमार, सुधीर कुमार साही, अनवेष मंगलम, विजय कटारिया और कैलाश मकवाना के नाम तय है लेकिन डीजीपी के लिए 2 साल का रिटायरमेंट से पहले समय चाहिए। इसलिए क्राइटेरिया में इन अफसरों का डीजीपी की रेस के बाहर होना तय है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में आईपीएस कैडर के 222 पद मंजूर हैं और ये पद सीधी भर्ती से भरे जाने वाले हैं। इसी तरह 97 वो पद शामिल हैं, जो आईपीएस रिक्रूटमेंट रेगुलेशन के तहत प्रमोशन से भरे जाने वाले हैं। सीनियर ड्यूटी पोस्ट 173 हैं। सेंट्रल डेपुटेशन में 69, स्टेट डेपुटेशन में 43 पद हैं।
MPPSC Exam में मिलेगी 3 साल की छूट
भोपाल | मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के उम्मीदवारों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है | अब एमपीपीएससी की परीक्षा के लिए आपको उम्र सीमा में 3 साल की छूट मिलने वाली है | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये ऐलान किया है | सोमवार, 19 सितंबर 2022 को एमपी सीएम शिवराज ने घोषणा की कि MPPSC Exam में मैक्सिमम एज लिमिट में सभी अभ्यर्थियों को 3 साल की छूट दी जाएगी | उन्होंने बताया कि Sarkari Exam में ये छूट अभ्यर्थियों की मांग पर दी जा रही है | हालांकि ये रियायत सिर्फ एक बार के लिए दी जा रही है | दरअसल, बीते दो साल में कोरोना महामारी के कारण एमपीपीएससी परीक्षा नहीं हो सकी थी | इसके कारण कई उम्मीदवार आयु सीमा से बाहर हो गए थे | ये कैंडिडेट्स मांग कर रहे थे कि उन्हें एक मौका दिया जाए | अब Madhya Pradesh सरकार ने उनकी मांग सुन ली है |
एक बार के लिए बढ़ेगी उम्र सीमा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर हैंडल @ChouhanShivraj पर ट्वीट करके भी इस बारे में जानकारी दी है | उन्होंने लिखा कि ‘Covid-19 के कारण PSC Exams नहीं हो पाए थे | इसके लिए आवेदन भी नहीं लिए गए थे | ऐसे में तब जो कैंडिडेट्स इस परीक्षा में बैठने के पात्र थे लेकिन अब अधिकतम आयु सीमा पार कर चुके हैं, उनके साथ न्याय करने के लिए ये फैसला लिया गया है|’CM Shivraj ने लिखा कि ‘ऐसे उम्मीदवारों की मांग के आधार पर हम MP PSC की परीक्षा में केवल एक साल के लिए आवेदन की अधिकतम उम्र सीमा 3 साल बढ़ाने का फैसला कर रहे हैं|’
गिरावट के साथ खुले शेयर बाजार
हफ्ते के पहले कारोबारी दिन भारतीय बाजार सपाट ढंग से खुलकर लाल निशान पर चले गए हैं। शुरुआती कारोबार में बाजार में करीब सौ अंकों की गिरावट देखी है।फिलहाल सेंसेक्स 57.85 अंकों की कमजोरी के साथ 58,740.94 अंकों पर ट्रेड कर रहा है।वहीं निफ्टी 20 अंक टूटकर 17510 अंकों पर कारोबार कर रहा है।इससे पहले वैश्विक बाजार से कमजोरी से संकेत मिल रहे हैं।शुक्रवार को डाऊ जोंस 140 अंक गिरकर 30,822 अंकों पर बंद हुआ।वहीं नैस्डैक 104 अंक कमजोर होकर 11,448 के स्तर पर बंद हुआ।दुनियाभर के बाजार की नजर बुधवार को आने वाली फेड के निर्णय पर टिकी है।एशियाई बाजारों में एसजीएक्स निफ्टी 17580 के लेवल पर कारोबार कर रहा है।
उत्पादन की कमी से बढ़ सकते हैं चावल के दाम
नई दिल्ली। खुदरा महंगाई अगस्त में सात फीसदी रही है।हालांकि, थोक महंगाई की दर 11 माह के निचले स्तर पर रही है।जून-सितंबर में अनियमित व दक्षिण पश्चिम की बारिश में देरी से धान की फसल कम होने का अनुमान है।उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार, चावल की थोक कीमत एक साल में 10.7 फीसदी बढ़कर 3,357 रुपये क्विंटल हो गई है।खरीफ के फसल में धान की बुवाई कम होने से आने वाले समय में चावल की कीमतें बढ़ सकती हैं।इस बार चावल के उत्पादन में 60-70 लाख टन की कमी आने का अनुमान है।इससे महंगाई की दरों पर भी असर पड़ेगा।खुदरा महंगाई अगस्त में सात फीसदी रही है।हालांकि, थोक महंगाई की दर 11 माह के निचले स्तर पर रही है।जून-सितंबर में अनियमित व दक्षिण पश्चिम की बारिश में देरी से धान की फसल कम होने का अनुमान है।