मुंबई। एलआईसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पीएफ का पैसा अदानी समूह में अवैध रूप से निवेश किया गया है। यह करोड़ों लोगों की मेहनत का पैसा है और लोगों को इसका हिसाब मिलना चाहिए। अगर अदानी कंपनियों में हुए घोटाले का सच सामने लाना है तो संयुक्त संसदीय जांच समिति (जेपीसी) के माध्यम से ही पूरा सच सामने आ सकता है । यह बात महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित देश की 19 पार्टियों ने जेपीसी की मांग की है और कांग्रेस अब भी इस मांग पर कायम है। इस संबंध में आगे बोलते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति की मांग पहली बार नहीं की जा रही है। इससे पहले भी कई मामलों में जेपीसी का गठन कर जांच की जा चुकी है। तथाकथित बोफोर्स मामले में जेपीसी का गठन किया गया था। शेयर बाजार में हुए घोटाले की जांच के लिए भी जेपीसी की स्थापना की गई थी। इसके अलावा शीतल पेय मामले में भी जेपीसी की जांच की गई थी। विशेष रूप से शीतल पेय के संबंध में 2003 में स्थापित जेपीसी की अध्यक्षता एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने की थी। अदानी मामले में कोई घोटाला नहीं हुआ है तो फिर पीएम मोदी जेपीसी से क्यों डर रहे हैं? ऐसा सवाल नाना पटोले ने भी पूछा है। साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा मुद्दा नहीं है, लेकिन चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में उन्होंने अपनी डिग्री का उल्लेख किया है। अगर उनके पास डिग्री है फिर उसे दिखाने में क्या हर्ज है। पटोले ने कहा कि इलेक्शन कमीशन को गलत जानकारी देना गुनाह है, सवाल बस इतना है। एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह उनका फैसला है कि एनसीपी को मार्केट कमेटी के चुनाव में किस पार्टी से गठबंधन करना चाहिए। हम महाविकास आघाडी के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के तानाशाही शासन के खिलाफ लड़ रहे हैं और हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी। नगालैंड में भी एनसीपी ने बीजेपी को समर्थन दिया है। महाविकास आघाडी की बैठक में हम एनसीपी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। पटोले ने यह भी चेतावनी दी कि अगर स्थानीय स्तर पर कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता भाजपा से हाथ मिलाता है तो पार्टी उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी ।