भड़के थरुर ने दिया जवाब-सचिन तेंदुलकर की सेंचुरी और मकबूल हुसैन की पेंटिंग है इडली 

0
14

नई दिल्ली। दक्षिण भारत का मशहूर डोसा और इडली को बेकार बताने पर कांग्रेस नेता शशि थरूर भड़क गए। उन्होंने इसे मानव सभ्यता का शानदार उपहार बताते हुए कहा कि इडली मकबूल हुसैन की पेंटिंग और सचिन तेंदुलकर की सेंचुरी से कम नहीं है। ये अहसास सिर्फ इसे खाने और इसके स्वाद चखने वाले ही जान सकते हैं। 
दरअसल एक्स पर एक यूजर ने इडली को ‘भाप से बनी पछतावा’ और डोसा को बेहतर बताया था। इसी बात से थरूर नाराज हो गए। यह सारा मामला 26 सितंबर को एक पोस्ट से शुरू हुआ, जब अनघा ने एक पोस्ट में शिकायत की, ‘क्यों हमेशा इडली और डोसा ही क्यों, क्या इस देश में कोई और नाश्ता नहीं है? इस पर जवाब देते हुए मोलुट्टी ने मजाकिया लहजे में कहा, डोसा? कोई शब्द नहीं बस सम्मान! इडली तो भाप से बनी पछतावा है।यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और यूजर्स ने इस पर अपनी-अपनी राय देनी शुरू कर दी। कुछ ने डोसा की तारीफ की, तो कुछ ने इडली को अपना पसंदीदा बताया। फिर शशि थरूर ने भी इडली-डोसा की इस बहस में कूदते हुए एक लंबी पोस्ट लिख डाली, जिसमें उन्होंने इडली के समर्थन में ढेर सारे तर्क दिए।
थरूर ने लिखा, साफ है कि इन्होंने कभी अच्छी इडली नहीं चखी। एक सच्ची शानदार इडली एक बादल की तरह, एक फुसफुसाहट की तरह, मानव सभ्यता की पूर्णता का एकदम सटीक सपना है। यह चावल और दाल का एक नाजुक, वजनहीन टुकड़ा है, जो भाप से इतना हल्का और फूलदार बनता है कि जीभ पर पिघल जाए। सही चटनी और सांभर के साथ, यह बीथोवेन की सिम्फनी, टैगोर के संगीत, मकबूल हुसैन की पेंटिंग और सचिन तेंदुलकर की सेंचुरी के समान है। इसे ‘पछतावा’ कहना आत्मा, स्वाद, और दक्षिण भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े योगदानों की कद्र न करना है। 
थरूर की इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की, जिसमें वे पारंपरिक वेशभूषा में एक रसोई में खड़े होकर इडली बनाने की प्रक्रिया में व्यस्त हैं। पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। मोलुट्टी ने जवाब देते हुए लिखा, ‘सर, आपने इडली को एक दिव्य कला के रूप में ऊंचा कर दिया। इसे पढ़ने के बाद मुझे दोबारा इडली खानी पड़ेगी ताकि भावनात्मक रूप से इसे प्रोसेस कर सकूं।