केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के रायगढ़ में कहा कि औरंगजेब जो खुद को आलमगीर कहता था, उसने भी अपनी समाधि इसी धरती पर बनवाई थी। शिवाजी के बारे में उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रखना चाहिए, देश और दुनिया को उनकी जरूरत है। शाह ने कहा, "मैं यहां कोई राजनीति करने नहीं आया हूं, मैं यहां छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेने आया हूं।" उन्होंने कहा कि रायगढ़ को सिर्फ पर्यटन ही नहीं, बल्कि सभी के लिए प्रेरणा स्थल बनाया जाना चाहिए। अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस की महाराष्ट्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि 7वीं से 11वीं तक के छात्र प्रेरणा लेने के लिए रायगढ़ आएं। उन्होंने कहा कि स्वराज की लड़ाई कभी खत्म नहीं होनी चाहिए।
शिवाजी के आदर्शों पर काम कर रही मोदी सरकार
अमित शाह ने रायगढ़ में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों पर काम कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "न भाग्य उनके (छत्रपति शिवाजी महाराज) साथ था, न अतीत उनके साथ था, न धन था, न सेना थी। एक बालक ने अपने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प से पूरे देश को स्वराज का मंत्र दिया। देखते ही देखते उन्होंने 200 वर्षों से चली आ रही मुगल हुकूमत को चकनाचूर कर दिया और देश को स्वतंत्र कराया। आज आजादी के 75 वर्ष बाद हम दुनिया के सामने सिर ऊंचा करके खड़े हैं। हम संकल्प लेते हैं कि जब आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे तो हमारा भारत दुनिया में नंबर वन होगा, शिवाजी की यही मूल कल्पना थी।" अमित शाह ने शिवाजी को श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर लिखा, "हिन्दू स्वराज के संस्थापक, धर्म ध्वजा के महान रक्षक, सेवा और शौर्य की प्रतिमूर्ति छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन। छत्रपति शिवाजी महाराज ने देशवासियों को अपने धर्म और संस्कृति के प्रति गौरव की भावना को सुदृढ़ कर मातृभूमि की रक्षा के लिए प्रेरित किया। हिन्दवी स्वराज की संकल्पना को साकार करने वाले शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित लोकसेवा के मूल्यों को सदैव याद किया जाएगा।"