कांग्रेस का दावा: जातिगत जनगणना से पता चलेगा शिक्षा-रोजगार का असली हाल, ‘BJP की आंखें बंद’

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पूरे देश में जाति जनगणना इस समय सुर्खियों में है. सरकार ने ऐलान किया है कि साल 2027 में जाति जनगणना की जाएगी. अब कांग्रेस पार्टी ने जाति जनगणना को लेकर बीजेपी को घेरने का काम किया है. पार्टी ने जनगणना की तारीख पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, बीजेपी की नियत पर हमें शक है.

सचिन पायलट ने पीसी के दौरान कहा, राहुल जी बोलते थे कि हम देश का एक्स-रे चाहते हैं, उसका मुख्य उद्देश्य यह था कि हम देश की वास्तविक स्थिति सामने आए. कितने लोगों की कितनी भागीदारी है, कितने लोग किस हालात में रह रहे हैं. कहा और काम करने की जरूरत है. यह पूरी जानकारी हासिल करने के लिए जाति जनगणना बहुत जरूरी थी.

जाति जनगणना को लेकर BJP को घेरा

सचिन पायलट ने जाति जनगणना को लेकर बीजेपी को घेरा. उन्होंने कहा, बीजेपी ने कई बार कहा कि जो लोग जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं वो अर्बन नक्सली हैं. फिर बीजेपी ने अचानक जाति जनगणना को स्वीकार किया और हमारी मांग को माना.

कांग्रेस को BJP की नियत पर शक

सचिन पायलट ने आगे कहा, जो नोटिफिकेशन जारी की है उसमें बताया गया है कि यह जनगणना साल 2027 में की जाएगी. जाति जनगणना को लेकर भी हम सबको इनकी नियत में शक है कि यह सिर्फ बात को टालने के लिए और अपना वादा पूरा नहीं करने के लिए पूरी भूमिका बांध चुके हैं.

आवंटित बजट को लेकर उठाए सवाल

जातिगत जनगणना के लिए 10 हजार करोड़ चाहिए, जबकि, सिर्फ 574 करोड़ ही आवंटित किए गए हैं. सरकार की नीयत में खोट है, जैसे महिला आरक्षण कब लागू होगा, कुछ साफ नहीं है. सरकार ने जनगणना के लिए बहुत कम पैसे अलॉट किए है देर से जनगणना करवा रहे हैं. स्टार्ट भी देर से होगी. जाति जनगणना में सिर्फ ये नहीं पता करना है कि कौन किस जाति का है? ये भी पता करना है कितना पढ़ें है, क्या आर्थिक स्थिति है, क्या सामाजिक स्थिति है ताकि उनकी बेहतरी के लिए नीति और योजना बना सकें.

पहले ये कहते थे जो जाति जनगणना की मांग करते हैं जैसे राहुल गांधी वो अर्बन नक्सल हैं बाद में इन लोगों ने वही किया. हमारी मांग है कि तेलंगाना सरकार की तरह ही जाति जनगणना मोदी सरकार कराए. ये सरकार बहुत जिद्दी है, बिना दबाव के नहीं मानी है, लेकिन संसद में इसपर आगे भी हम दबाव बनाते रहेंगे. इतिहास गवाह है बीजेपी जाति जनगणना के सख्त खिलाफ थी. पीएम ने कहा ये मांग करने वाले अर्बन नक्सल हैं.

जो यह लोग बोलते थे कि यह देश को तोड़ने का काम है, इससे जातिवाद बढ़ जाएगा, देश को तोड़ने का काम है, यह बिल्कुल गलत है. इतनी लंबी समय सीमा बांध दी है. तत्काल शुरू करना चाहिए था, पर्याप्त बजट आवंटित किया जाना चाहिए था और जिस मकसद से हम ने इसको रखा था, वो बिल्कुल जुदा है.

बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा

हमेशा की तरह कांग्रेस पार्टी को दिखाई देना बंद हो जाता है. पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक का वीडियो नजर नहीं आया. CAA में भी काफी कुछ नजर नहीं आया. 30 अप्रैल 4 जून और 15 जून को प्रेस रिलीज में सामाजिक आर्थिक जनगणना की बात कही गई थी. बिहार में भी हमारी सरकार में जातीय जनगणना का सर्वे करवाया था. लेकिन कांग्रेस को यह नहीं दिखता.

हमारी सोच है सभी जातियों की पहचान सभी जातियों का उत्थान, लेकिन कांग्रेस पार्टी सिर्फ परिवार का उत्थान चाहती है. जातीय जनगणना का अधिकार केंद्र का है. तेलंगाना में जातीय सर्वे हो रहा है. वहां के सीएम पैसे की कमी की बात कर रहे हैं.

कांग्रेस के खटा खट मॉडल पर किया वार

कांग्रेस के खटा खट मॉडल के बाद हिमाचल, कर्नाटक के बाद तेलंगाना में भी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. बिहार में भूरा बाल, कभी परवल की बात कही जाती थी. वहीं मोदी जी सबका साथ सबका विकास कर रहे हैं पश्चिम बंगाल में नए ओबीसी जातियों में मुस्लिम समाज के लोगों को शामिल किया जा रहा है. आरक्षण के नाम पर वोट बैंक की राजनीति की जा रही है.

तारीख को लेकर सरकार ने स्पष्ट किया है कि दो चरण में यह जनगणना होगी. अखिलेश यादव अपनी पार्टी में परिवार के अलावा अपनी जाति की गणना बताइए. साथ ही उन्होंने कहा, लालू प्रसाद यादव को बाबा साहेब आंबेडकर के चित्र को पैर के सामने रखना इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.