पटना । लोक जनशक्ति पार्टी – रामविलास (एलजेपी-आर) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Union Minister Chirag Paswan) अभी तक मन नहीं बना सके हैं कि बिहार (Bihar) के विधानसभा चुनाव (assembly elections) में वो खुद लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे। चिराग पासवान ने कहा है कि पहले सीट बंटवारा हो जाए कि किस पार्टी को कितनी और कौन सीटें मिलीं, तब उनकी पार्टी का केंद्रीय संसदीय बोर्ड तय कर लेगा कि उनको चुनाव लड़ना है या नहीं लड़ना है। ‘बिहार बुला रहा है’ बोलकर चुनाव से पहले संकल्प सभाओं के साथ चिराग ने मुख्यमंत्री पद की रेस में कूदने का माहौल बना दिया था, लेकिन बाद में उन्होंने साफ कर दिया कि नीतीश कुमार सीएम हैं और आगे भी सीएम रहेंगे।
चिराग पासवान की शुरुआती सभाओं के दौरान यह बात भी चली थी कि वो आरा में किसी सीट से खुद भी लड़ सकते हैं। उनके बहनोई और पार्टी के सांसद अरुण भारती ने भी इस तरह की बातों को हवा दी। लेकिन जब चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी से कोई कार्यकर्ता डिप्टी सीएम पद को सुशोभित करे तो यह समझ बनी कि सीएम पद की सीधी दावेदारी साफ नहीं हो तो चिराग खुद नहीं लड़ेंगे लेकिन डिप्टी सीएम पद के लिए पार्टी से किसी को बढ़ाएंगे। इस रेस में अरुण भारती का ही नाम चला और सीट सिकंदरा बताई जा रही है, जहां से जीतनराम मांझी की पार्टी हम के प्रफुल्ल मांझी सिटिंग विधायक हैं।
चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा- “एक बार सीट शेयरिंग हो जाए। ये तमाम विषय ऐसे हैं, जो हमारे सेंट्रल पार्लियामेंट्री बोर्ड में पेंडिंग पड़े हैं, जिस पर अंतिम फैसला केंद्रीय संसदीय बोर्ड को लेना है। लड़ना चाहिए, नहीं लड़ना चाहिए, सारे मत केंद्रीय संसदीय बोर्ड के पास आ गए हैं। पहले यह साफ होना जरूरी है कि कितनी सीटों पर लोक जनशक्ति रामविलास चुनाव लड़ रही है। गठबंधन का क्या स्वरूप होने वाला है। कौन कहां से चुनाव लड़ रहा है। सीटों की संख्या ही नहीं, सीटों का चयन भी प्राथमिकता में है। इन तमाम विषयों पर जब स्थिति साफ होगी तो उसी के साथ यह भी तय कर लिया जाएगा कि मैं विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा या नहीं लड़ूंगा। या मेरी पार्टी से और कौन से सांसद विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।”