Wednesday, April 16, 2025
Homeराजनीतिकर्नाटक में कांग्रेस का जातिगत जनगणना पर बड़ा कदम: क्या अपने ही...

कर्नाटक में कांग्रेस का जातिगत जनगणना पर बड़ा कदम: क्या अपने ही जाल में फंस गई पार्टी?

बेंगलुरु। कर्नाटक में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले ही प्रदेश की सियासत में जबरदस्त हलचल शुरु हो गई है। रिपोर्ट के कुछ आंकड़ों के लीक होते ही राज्य की दो प्रमुख जातियों वोक्कालिगा और लिंगायत में बैचेनी दिख रही है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 17 अप्रैल को रिपोर्ट पर विशेष कैबिनेट बैठक बुलाई है, लेकिन यह अब महज प्रशासनिक मामला नहीं रहा, बल्कि कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़े राजनीतिक मोड़ में बदल गया है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम समुदाय की है, इसके बाद अनुसूचित जातियां और जनजातियां हैं। वहीं, अब तक सत्ता संतुलन में अहम भूमिका निभाने वाली वोक्कालिगा और लिंगायत जातियों की जनसंख्या अपेक्षाकृत कम दिखाई गई है। इसकारण इन जातियों में असंतोष तेजी से उभर रहा है और कांग्रेस के भीतर भी मतभेद होने लगे हैं।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, जो खुद वोक्कालिगा जाति से आते हैं, इस रिपोर्ट को लेकर असहज दिख रहे हैं। वहीं, लिंगायत समुदाय से आने वाले उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने आंकड़ों को खारिज कर दावा किया है कि उनकी जाति की संख्या एक करोड़ से अधिक है, जबकि रिपोर्ट में यह आंकड़ा काफी कम है। रिपोर्ट में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 73.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें एसी के लिए 15 प्रतिशत और एसटी के लिए 7.5 प्रतिशत शामिल हैं। वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों को अलग-अलग श्रेणियों में क्रमश: 7 और 8 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, लेकिन वर्गीकरण को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
बीजेपी ने रिपोर्ट को कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति करार देकर आरोप लगाया है कि मुस्लिमों को बहुसंख्यक बताकर वोट बैंक साधने की कोशिश हो रही है। वोक्कालिगा संघ और वीरशैव महासभा जैसे संगठनों ने रिपोर्ट जारी होने पर विरोध की चेतावनी दी है। 16 अप्रैल को मठ प्रमुखों की बैठक में अगली रणनीति तय की जाएगी। कांग्रेस एक तरफ सामाजिक न्याय के नाम पर नए वोट बैंक को साधना चाहती है, तो दूसरी ओर पुराने समर्थकों को नाराज करने का खतरा भी मोल ले रही है। 
हालांकि, इन आंकड़ों में स्पष्टता की कमी और समुदायों के विभाजन के तरीके ने आरक्षण नीति को एक और जटिल मोड़ पा ला दिया है। ये आंकड़े जहां कुछ समुदायों के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आए हैं, वहीं प्रभावशाली जातियों में असंतोष और राजनीतिक बेचैनी बढ़ा रहे हैं। विपक्ष के नेता आर अशोक ने संख्याओं की हेराफेरी’ बताकर कहा कि मुसलमानों को ‘बहुसंख्यक’ बताने की कोशिश सीधे-सीधे कांग्रेस पार्टी तुष्टीकरण की राजनीति का नतीजा है। बीजेपी पहले ही कांग्रेस पर मुस्लिम समुदाय को सरकारी टेंडरों में आरक्षण देने के फैसले को लेकर बवाल मचा रही थी, अब यह नया मुद्दा और धार दे रहा है।

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group