पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर बैठकों का दौर जारी है. तीन दिन पहले पटना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक हुई थी। सोमवार को दरभंगा में NDA के सभी बड़े नेता एकजुट हुए. आज दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच बैठक हो रही है. इसमें सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है. नेता प्रतिपक्ष और लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से बात कर रहे हैं. तेजस्वी यादव के साथ राजद के वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं।
सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दों पर बातचीत
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन पूरी तरह तैयार है. आज की बैठक में आगामी चुनाव में सीट शेयरिंग समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है। यह महज औपचारिक बैठक है. राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच लंबे समय से रिश्ता रहा है। अब चुनाव में करीब छह-सात महीने बचे हैं. सूत्र बता रहे हैं कि इस बार भी कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है। हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 19 सीटों पर जीत मिली थी। लेफ्ट भी अपने स्ट्राइक रेट को देखते हुए ज्यादा सीटों की मांग कर रही है। वहीं, आरजेडी किसी भी हाल में 150 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती है। इसकी वजह यह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में बिहार में सबसे ज्यादा विधायक आरजेडी के टिकट पर जीते थे। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भविष्य में किसी विवाद से बचने के लिए आरजेडी आज ही इस मुद्दे पर बात करेगी। क्योंकि आरजेडी पहले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुकी है।
कांग्रेस का रुख इस बार अलग
कांग्रेस का अंदाज इस बार काफी बदला हुआ नजर आ रहा है। हाल ही में कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को बदला। सवर्ण समाज से आने वाले अखिलेश सिंह की जगह दलित समाज के राजेश कुमार को बिहार की कमान सौंपी गई। कई जिला अध्यक्ष बदले गए। इसके बाद कन्हैया कुमार ने अपने नेतृत्व में पदयात्रा निकाली। इसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए। उन्होंने कांग्रेस की भूमिका भी बताई। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में जाकर मेहनत करने का निर्देश भी दिया। इन सब बातों से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस बिहार में फिर से बेहतर स्थिति चाहती है।