नई दिल्ली। गांधी परिवार से अलग होकर अपनी पहचान बनाने वालीं मेनका गांधी, मंगलवार को अपना 69वां जन्मदिन मनाया हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव को देखा हैं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
मेनका गांधी का जन्म 26 अगस्त 1956 को नई दिल्ली में हुआ था। 17 साल की उम्र में उन्होंने बॉम्बे डाइंग के लिए मॉडलिंग की। इसी विज्ञापन में देखकर संजय गांधी मनेका से प्रभावित हुए। जल्द ही दोनों की मुलाकात हुई और वे एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए। हालांकि, शुरुआत में इंदिरा गांधी इस रिश्ते के खिलाफ थीं, लेकिन 23 सितंबर 1974 को 18 साल की उम्र में मेनका ने संजय गांधी से शादी कर ली। शादी के समय संजय गांधी मनेका से 10 साल बड़े थे।
साल 1982 में एक हवाई दुर्घटना में संजय गांधी का निधन हो गया। इसके बाद मेनका गांधी के लिए हालात बदल गए। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की रैलियों में हिस्सा लेने के कारण इंदिरा गांधी ने उन्हें घर से निकाल दिया। तब मेनका की उम्र सिर्फ 23 साल थी और उनका बेटा वरुण गांधी केवल 100 दिन का था।
ससुराल से निकलने के बाद मेनका गांधी ने खुद को स्थापित करने का फैसला किया। उन्होंने पति संजय गांधी के ट्रक बेचकर पैसे जुटाए और किताबें-मैगजीन लिखनी शुरू कीं। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय संजय मंच नाम से अपनी पार्टी बनाई। 1984 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजीव गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
1988 में वे वीपी सिंह की जनता दल में शामिल हो गईं और 1989 में पहली बार सांसद बनीं। इसके बाद वे लगातार पीलीभीत से सांसद चुनी गईं और केंद्रीय मंत्री भी बनीं। मेनका गांधी ने अपनी लगन और मेहनत से राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई।