चैन्नई। तमिलनाडु की राजनीति (Politics of Tamilnadu) में इन दिनों ‘कैश फॉर जॉब’ घोटाले (‘Cash for Jobs’ scam) का बोलबाला है। इस मुद्दे पर सियासी हंगामा तेज हो गया है और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है। मामले के खुलासे के बाद भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी सिलसिले में भाजपा नेता के अन्नामलाई ने बुधवार को डीएमके सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पार्टी अब भ्रष्टाचार का प्रतीक बन चुकी है। इसी को लेकर अन्नामलाई ने एक्स पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें दो समाचार लेखों का जिक्र करते हुए दावा किया कि नगर प्रशासन एवं जल आपूर्ति (MAWS) विभाग में 2538 पदों के लिए भारी-भरकम ‘कैश फॉर जॉब’ घोटाला हुआ। आरोप है कि प्रत्येक पद के लिए उम्मीदवारों से 35 लाख रुपये की रिश्वत वसूली गई।
उन्होंने आगे बताया कि 2024 की शुरुआत में इन पदों के लिए 1.12 लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, लेकिन हजारों योग्य युवाओं को मौका नहीं मिला क्योंकि वे इतनी मोटी रकम नहीं दे पाए। अन्नामलाई ने जोर देकर कहा कि यह ताजा खुलासा कोई अलग-थलग घटना नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के शासनकाल में व्याप्त व्यवस्थित भ्रष्टाचार का एक चिंताजनक हिस्सा है।
एक्स पोस्ट में अन्नामलाई ने लिखा कि स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार एक के बाद एक घोटालों की बाढ़ ला रही है। अब ईडी ने एक और बड़े कांड का पर्दाफाश किया है। MAWS विभाग के 2538 पदों से जुड़ा बेशर्म ‘कैश फॉर जॉब’ घोटाला, जहां प्रति पद 35 लाख रुपये की रिश्वत ली गई। 2024 में 1.12 लाख आवेदकों में से हजारों मेहनती युवाओं के सपने कुचल दिए गए, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे इस लालच की भेंट नहीं चढ़ सके। यह 888 करोड़ का घोटाला स्टालिन राज की पहचान, व्यवस्थित भ्रष्टाचार का हिस्सा है।
इस दौरान भाजपा नेता ने डीएमके पर ‘भ्रष्टाचार का नेटवर्क’ चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने उल्लेख किया कि 6 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री स्टालिन ने ‘नौकरी सृजन’ का उत्सव मनाते हुए उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपे और फोटो खिंचवाईं। अन्नामलाई के मुताबिक, ये पद हवाला नेटवर्क से जुड़े व्यापक भ्रष्टाचार के जरिए बेचे गए थे। ईडी ने विभाग में ‘व्यवस्थित भ्रष्टाचार नेटवर्क’ उजागर किया, जो मंत्री केएन नेहरू के भाई एन रविचंद्रन और उनके ट्रू वैल्यू होम्स (टीवीएच) समूह से जुड़े बैंक फ्रॉड मामले की जांच में सामने आया।
अन्नामलाई ने स्टालिन और उनके प्रशासन से जवाब मांगा तथा न्यायपालिका की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की। पोस्ट में वे लिखते हैं कि यह विडंबना ही है कि स्टालिन ने खुद इन उम्मीदवारों को पत्र सौंपे, लेकिन हकीकत में पद हवाला और भ्रष्टाचार के बाजार में बिके। डीएमके के बार-बार घोटालों से तंग आ चुके तमिलनाडु के लोगों को न्याय मिले, इसके लिए सीबीआई की जांच जरूरी है।
 

