पटना। बिहार में विधानसभा चुना को लेकर सियासी माहौल में गर्मी बढ़ चुकी है और महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव ने फिर रोजगार देने वाले अपने वादे की चर्चा छेड़ दी है। आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले, उन्होंने इंटरव्यू में अपने विजन, विपक्षी हमलों और विकास के मॉडल पर खुलकर बात की। इसके अलावा उन्होंने जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर पर भी जमकर प्रहार किया है।
एक इंटरव्यू में तेजस्वी ने कहा कि बिहार को राजनीति नहीं, रोजगार की जरूरत है। उन्होंने अपने पुराने वादे, हर परिवार को एक सरकारी नौकरी देने पर कहा, “हम रोजगार को खर्च नहीं, निवेश मानते हैं। इससे अर्थव्यवस्था में जान आएगी और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में गुणात्मक सुधार होगा।”
तेजस्वी ने विपक्ष द्वारा मुफ्तखोरी कहने पर पलटवार करते हुए कहा, “लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी करना रेवड़ी बांटना नहीं, मानव गरिमा का हिस्सा है। जब तक ढांचा और रोजगार नहीं बनता, तब तक राहत जरूरी है। उन्होंने एनडीए के महिला वोटरों के लिए 10000 रुपये की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा, “हमने ‘माई बहन मान योजना’ के तहत हर महिला को 2,500 देने की योजना बनाई है, यह कम नहीं, स्थायी राहत।”
वहीं पीके पर तंज कसते हुए तेजस्वी बोले, “वे नेता नहीं, कंसल्टेंट हैं। जनता के बीच कभी नहीं रहे। असली राजनीति जमीनी जुड़ाव से बनती है, मीडिया साउंडबाइट्स से नहीं।”
तेजस्वी ने फिर कहा कि रोजगार ही उनकी राजनीति का केंद्र है। उन्होंने कहा, “2020 में 10 लाख नौकरियों के वादे पर जनता ने भरोसा किया था। जब मैं डिप्टी सीएम था, तब 5 लाख नौकरियां दी भी गईं।” अपने भाई तेज प्रताप यादव के खिलाफ उम्मीदवार उतारने को लेकर उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति को अपनी राय और चुनाव लड़ने का अधिकार है। लोकतंत्र में विविधता ही ताकत है।”








