अहमदाबाद| गांधी-सरदार साहब की पावन धरा गुजरात में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सम्मेलन की मेजबानी के लिए कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन 8 और 9 अप्रैल 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में होगा| कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से 3000 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे| कांग्रेस के दो ऐतिहासिक अधिवेशन पहले भी गुजरात में हो चुके हैं, जिसमें 51वां अधिवेशन साल 1938 में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सरदार वल्लभभाई पटेल की देखरेख में बारडोली के हरिपुरा में हुआ था| जिसमें सुभाष चंद्र बोस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। योजना आयोग की अवधारणा हरिपुरा सम्मेलन में सुभाष चंद्र बोस द्वारा प्रस्तुत की गई थी। जिसे प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने हरिपुरा अधिवेशन में सुप्रसिद्ध चित्रकार नन्दलाल बोस द्वारा सात पेंटिंग्स प्रस्तुत की गईं, जिनकी कृतियाँ दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के नए राष्ट्रीय कार्यालय इंदिरा भवन में प्रस्तुत की गई हैं। कांग्रेस का 66वां अधिवेशन वर्ष 1961 में गुजरात के भावनगर में नीलम संजीव रेड्डी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था| भावनगर के सम्मेलन में पं. जवाहरलाल नेहरू सहित शीर्ष कांग्रेस नेता आये थे| वर्ष 1961 में भावनगर में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, वाई.बी. चव्हाण, ज्ञानी जैलसिंह, श्रवणसिंह आदि देश के बड़े नेता आये थे। शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस के 8 और 9 अप्रैल को होनेवाले आगामी अधिवेशन में संविधान और उसके मूल्यों पर लगातार हो रहे हमलों और भाजपा की जनविरोधी नीतियों पर चर्चा की जाएगी और पार्टी के भविष्य के संचालन की दिशा तय की जाएगी| विधानसभा में भाजपा सरकार द्वारा दिए गए झूठे आंकड़ों को लेकर गुजरात प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने भाजपा सरकार की पोल खोलते हुए कहा कि गुजरात विधानसभा में हमेशा सच्ची और पारदर्शी संसदीय कार्यप्रणाली की परंपरा रही है। गुजरात राज्य पर कुल कर्ज भाजपा सरकार ने विधानसभा में 3700000 करोड़ दिखाया है| लेकिन केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में पेश जवाब में गुजरात राज्य पर 4,43,753.3 करोड़ रुपए का कर्ज दिखाया गया है| भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लोकसभा में पेश की गई रिपोर्ट राज्य वित्त: 2023-24 के बजट का एक अध्ययन के तहत दिए गए विवरण से पता चलता है कि गुजरात राज्य पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। वर्ष 2007 में राज्य पर 90,955.7 करोड़ का कर्ज था| जो साल 2023 में बढ़कर 4,43,753.3 करोड़ और साल 2025 में 4,94,435.9 करोड़ हो जाएगा| जो राज्य के एक साल के कुल बजट से भी ज्यादा है| गांधी और सरदार साहब के गुजरात में सादगी और सरलता को कार्यपद्धति बनाई गई थी| लेकिन भाजपा सरकार के शासन में गुजरात कर्जदार हो चुका है, नतीजतन राज्य के नागरिकों को 500 रुपये में गैस का सिलिंडर नहीं मिलता, महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा नहीं मिलती। इससे पता चलता है कि भाजपा सरकार सिर्फ उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है।
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