नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 2025-26 डोमेस्टिक सीजन से पहले खेल नियमों में अहम बदलाव किए हैं। नए नियम के तहत मल्टी डे क्रिकेट में गंभीर चोट के लिए रिप्लेसमेंट की अनुमति दी जाएगी। इस प्रावधान को गंभीर चोट रिप्लेसमेंट नाम दिया गया है। हाल ही में खेले गए एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारत के विकेटकीपर ऋषभ पंत और इंग्लैंड के क्रिस वोक्स चोटिल हो गए थे। उसी अनुभव के बाद बीसीसीआई ने यह कदम उठाया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नया नियम मौजूदा कन्कशन सब्स्टीट्यूशन प्रावधान जैसा ही होगा। इसमें किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगने पर उसकी जगह उसी तरह की क्षमता वाला खिलाड़ी मैदान पर उतर सकेगा। हालांकि, यह प्रक्रिया तभी लागू होगी जब ऑन-फील्ड अंपायर और मैच रेफरी डॉक्टर से परामर्श के बाद इसे मंजूरी देंगे। एक बार रिप्लेसमेंट के बाद घायल खिलाड़ी मैच में दोबारा हिस्सा नहीं ले सकेगा।
बीसीसीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस स्थिति में आंकड़ों और रिकॉर्ड्स के लिए घायल खिलाड़ी और रिप्लेसमेंट दोनों को प्रतिभागी माना जाएगा। हालांकि, यह नियम केवल मल्टी डे क्रिकेट जैसे सीके नायडू ट्रॉफी पर लागू होगा। सीमित ओवरों की प्रतियोगिताएं, जैसे विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, इसके दायरे में नहीं आएंगी। साथ ही अभी तक यह साफ नहीं है कि भविष्य में इसे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी लागू किया जाएगा या नहीं।
बीसीसीआई ने गंभीर चोट रिप्लेसमेंट नियम के अलावा कुछ और महत्वपूर्ण बदलाव भी किए हैं। इसमें जानबूझकर छोटे रन लेने और बल्लेबाजों के रिटायर होने से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। नए नियमों के अनुसार, यदि कोई बल्लेबाज बिना उचित कारण के रिटायर होता है तो उसे अब रिटायर्ड आउट माना जाएगा। ऐसे में विरोधी कप्तान की सहमति से भी वह बल्लेबाजी के लिए दोबारा मैदान पर नहीं लौट सकेगा। इन बदलावों को भारतीय घरेलू क्रिकेट की पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। बीसीसीआई का मानना है कि इससे खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और खेल के नियम और अधिक सख्त व निष्पक्ष बनेंगे।