संन्यास लेने के बाद भी डिविलियर्स की बल्लेबाजी पहले जैसी : स्टेन

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 दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर डेल स्टेन का मानना है कि स्टार बल्लेबाज एबी डिविलियर्स संन्यास लेने के बाद भी आईपीएल में खेलने वाले आधे से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों से बेहतर हैं। स्टेन ने आईपीएल का इसलिए जिक्र किया है क्येांकि ये विश्व की सबसे कठिन क्रिकेट लीग मानी जाती है जिसमें सभी बड़े खिलाड़ी खेलते हैं।  डिविलियर्स ने पूर्व क्रिकेटरों की लीग के खिताबी मुकाबले में शतक लगाकर अपने को साबित किया है डिविलियर्स अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते रहे हैं। संन्यास के वर्षों बाद भी उनकी बल्लेबाजी देखकर लगता है कि कुछ भी नहीं बदला है। 41 वर्षीय डिविलियर्स ने वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (डब्लयूयीएल) 2025 में दक्षिण अफ्रीकी चैम्पियंस की पाकिस्तान चैम्पियंस पर जीत में सबसे बड़ी भूमिका निभाई।
बर्मिंघम में डल्यूसीएल  फाइनल में डिविलियर्स ने 60 गेंदों पर नाबाद 120 रनों की पारी खेलकर दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस को पाकिस्तान चैंपियंस पर 9 विकेट से जीत दिलाई। 196 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए डिविलियर्स ने अपनी विशिष्ट 360-डिग्री स्ट्रोकप्ले का प्रदर्शन किया, जिसमें 18 चौके, 10 चौके और 8 छक्के लगाए, और जेपी डुमिनी के साथ 125 रनों की साझेदारी की। इस बल्लेबाज ने इस टूर्नामेंट के 5 मैचों में तीन शतकों सहित 143 की औसत से 429 रन बनाए।
डिविलियर्स का अंतिम प्रदर्शन दिखता है कि अब भी उनकी लय बरकरार है। उन्होंने टूर्नामेंट की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ 51 गेंदों में 116 रनों की आतिशी पारी से की, इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 46 गेंदों में 123 रनों की पारी खेली और फाइनल में नाबाद शतक लगाकर एक यादगार बना दी। इस टूर्नामेंट में उनकी यह उपलब्धि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पहले आईपीएल खिताब और दक्षिण अफ्रीका की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीत के कुछ ही महीनों बाद आई। 170 मैचों में 39.7 की औसत और 151.6 के स्ट्राइक रेट से 5162 रनों का उनका आईपीएल रिकॉर्ड आज भी बना हुआ है। वह आरसीबी के स्टार बल्लेबाज रहे हैं।