ICC Champions Trophy: चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत और न्यूजीलैंड की टीमें आमने-सामने होंगी. यह चैंपियंस ट्रॉफी का 9वां संस्करण है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस टूर्नामेंट की शुरूआत कैसे हुई? चैंपियंस ट्रॉफी पहली बार कब खेला गया. इसके अलावा इस टूर्नामेंट में महज टॉप-8 टीमें ही क्यों होती हैं? दरअसल, चैंपियंस ट्रॉफी की शुरूआत तकरीबन 27 साल पहले हुई थी. हालांकि, उस वक्त चैंपियंस ट्रॉफी को नॉकआउट ट्रॉफी के नाम से जाना जाता था. नॉकआउट ट्रॉफी 1998 को साउथ अफ्रीका ने जीता था. लेकिन इसके बाद नॉकआउट ट्रॉफी का नाम बदल दिया गया. अब नॉकआउट ट्रॉफी को चैंपियंस ट्रॉफी का नाम दिया गया.
फिर नॉकआउट ट्रॉफी बन गया चैंपियंस ट्रॉफी…
चैंपियंस ट्रॉफी 2000 में भारत और न्यूजीलैंड की टीम फाइनल में पहुंची. इस बार न्यूजीलैंड ने भारत को 4 विकेट से हरा दिया. अब तक चैंपियंस ट्रॉफी को सबसे ज्यादा बार भारत और ऑस्ट्रेलिया ने जीता है. भारत और ऑस्ट्रेलिया ने 2-2 बार चैंपियंस ट्रॉफी का टाइटल जीता है. इसके अलावा साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और पाकिस्तान की टीम 1-1 बार चैंपियन बनी है. इस बार फाइनल में भारत और न्यूजीलैंड की टीमें हैं. अब यह देखना मजेदार होगा कि क्या भारतीय टीम रिकॉर्ड तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में कामयाब होती है? या फिर न्यूजीलैंड तकरीबन 25 साल पहले चैंपियंस ट्रॉफी टाइटल जीतेगी?
चैंपियंस ट्रॉफी में महज टॉप-8 टीमों को क्यों चुना जाता है?
अब आपके जेहन में सवाल आएगा कि चैंपियंस ट्रॉफी में महज टॉप-8 टीमों को क्यों चुना जाता है? दरअसल, ICC ने टूर्नामेंट की शुरूआत नॉकआउट ट्रॉफी नाम से की थी. इसका फॉर्मेट ऐसा बनाया गया कि सारी टीमों का पहला ही मैच नॉकआउट के जैसा हो. उदाहरण के लिए नॉकआउट ट्रॉफी 1998 की शुरूआत ही क्वार्टरफाइनल मैच से हुई थी. हालांकि उस टूर्नामेंट की शुरूआत में 9 टीमें थीं, लेकिन प्रीलिमिनरी मैच में न्यूजीलैंड ने जिम्बाब्वे को हराकर क्वार्टरफाइनल स्टेज के लिए क्वालीफाई किया था. उसके बाद नॉकआउट ट्रॉफी का नाम बदल कर चैंपियंस ट्रॉफी कर दिया गया, लेकिन टूर्नामेंट में टॉप-8 टीमें ही खेलती हैं. बताते चलें कि वनडे वर्ल्ड कप के प्वॉइंट्स टेबल की टॉप-8 टीमें चैंपियंस ट्रॉफी का हिस्सा बनती हैं.