दंतेवाड़ा। बचेली स्थित अंग्रेजी शराब दुकान में करीब 1 करोड़ रुपए के ऑनलाइन पेमेंट घोटाले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड ने आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली और निगरानी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, दुकान में काम करने वाले सेल्समैनों ने चुपचाप सरकारी QR कोड को हटाकर उसकी जगह अपने निजी खातों से जुड़े QR कोड चिपका दिए। इसके बाद 14 दिनों तक ग्राहकों द्वारा किया जाने वाला हर ऑनलाइन भुगतान सीधे उनके निजी खातों में जाता रहा, जबकि विभाग को इसका कोई अंदाजा नहीं हुआ।
चौंकाने वाली बात यह है कि पूरे 14 दिनों तक सरकारी खाते में एक भी ऑनलाइन भुगतान दर्ज नहीं हुआ, फिर भी किसी अधिकारी या कर्मचारी ने इसकी जांच की जरूरत महसूस नहीं की। इससे स्पष्ट है कि निगरानी तंत्र पूरी तरह फेल साबित हुआ है। विभाग को जब इसकी जानकारी मिली, तब तक रकम लगभग 1 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच चुकी थी। हालांकि जांच अधिकारियों का मानना है कि घोटाले की वास्तविक राशि इससे भी अधिक हो सकती है।
प्रारंभिक जांच में आबकारी विभाग के चार कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। उन पर सरकारी खातों में होने वाली ऑनलाइन एंट्री बंद होने के बावजूद चुप रहने का आरोप है। विभाग अब इन चारों के खिलाफ FIR दर्ज करने की तैयारी कर रहा है। साथ ही यह भी आशंका है कि घोटाले में और कर्मचारी या अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।
आबकारी विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच तेज कर दी है। QR कोड से जुड़े सभी लेनदेन, कैश बहीखाता, बैक-एंड ऑनलाइन पेमेंट रिकॉर्ड और दुकान संचालन से संबंधित फाइलों की जांच की जा रही है। यह घोटाला राज्य में राजस्व नुकसान के साथ-साथ विभागीय लापरवाही का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है।







