Wednesday, April 16, 2025
Homeराज्‍यअन्‍य राज्‍यबसपा में आकाश आनंद की वापसी, मायावती ने लखनऊ में बुलाई अहम...

बसपा में आकाश आनंद की वापसी, मायावती ने लखनऊ में बुलाई अहम बैठक

बसपा प्रमुख मायावती से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के बाद आकाश आनंद की घर वापसी हो चुकी है. बसपा में आकाश आनंद की वापसी के बाद बुधवार को मायावती ने लखनऊ में यूपी और उत्तराखंड के पार्टी पदाधिकारियों की बड़ी बैठक बुलाई है, जिसे काफी अहम मानी जारी है. आकाश को सार्वजनिक रूप से आशीर्वाद देकर मायावती पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का क्या फैसला लेंगी?

आंबेडकर जयंती से एक दिन पहले रविवार को आकाश आनंद ने सार्वजनिक रूप से बसपा प्रमुख मायावती से मांफी मांगते हुए पार्टी में दोबारा से लेने की अपील की थी. साथ ही मायावती को अपना दिल से एकमात्र सियासी गुरू और आदर्श मानने और बसपा हित में कभी भी अपने रिश्ते-नातों को और खासकर अपने ससुराल वालों को कतई बाधा नहीं बनने देने की बात कही थी

आकाश आनंद ने कहा कि मायावती के दिए गए दिशा-निर्देशों का ही पालन करूंगा और पार्टी के बड़े व पुराने लोगों की पूरी इज्जत करूंगा और उनके अनुभवों से काफी कुछ सीखूंगा. इस तरह माफी मांगने के ढाई घंटे बाद ही मायावती ने आकाश आनंद को माफ करते हुए बसपा में वापसी का ऐलान कर दिया था. हालांकि, बसपा प्रमुख मायावती ने इसका खुलासा नहीं किया कि वो आकाश आनंद को क्या जिम्मेदारी देंगी.

आकाश क्या बसपा में फिर भरेंगे उड़ान?
बसपा में आकाश आनंद की वापसी होने के बाद पहली बार मायावती ने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है. यूपी और उत्तराखंड नेताओं के साथ मायावती लखनऊ में बैठक जरूरी दिशा-निर्देश दे सकती हैं. पार्टी ने बताया कि बैठक में जमीनी स्तर की तैयारियों की समीक्षा, अब तक सौंपे गए प्रमुख संगठनात्मक कार्यों की प्रगति के आकलन और जनता के बीच पार्टी की उपस्थिति को मजबूत करने के लिए भविष्य की रणनीति तैयार करने पर सर्वाधिक ध्यान दिया जाएगा. इस दौरान मायावती पार्टी पदाधिकारियों की मौजूदगी में बैठक में आकाश आनंद को लेकर बड़ा फैसला ले सकती हैं.

मायावती के सानिध्य में रहेंगे आकाश?
माना जा रहा है कि मायावती इस बार आकाश आनंद को अपने सानिध्य में रखकर राजनीति का पहाड़ा याद कराएंगी. मायावती ने खुद कहा कि आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ की गलतियां अक्षम्य हैं, उनको माफ नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने गुटबाजी जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के करियर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अशोक सिद्धार्थ के चलते ही मायावती ने आकाश को पार्टी से निकाला था.ऐसे में माना जा रहा है कि बुधवार को होने वाली बैठक में मायावती आकाश आनंद को नई जिम्मेदारी सौंप सकती हैं, लेकिन उन्हें पार्टी के किसी दूसरे नेता के साथ लगाने के बजाय अपने सानिध्य में रखने का कदम उठा सकती हैं?

आकाश आनंद को अपने सियासी भविष्य के लिए बसपा की जितनी जरूरत है, उतनी ही मायावती को भी आकाश आनंद की जरूरत है. इस तरह दोनों एक दूसरे के लिए सियासी मजबूरी भी है और जरूरी भी है. मायावती बखूबी जानती हैं कि बसपा का सियासी भविष्य सबसे ज्यादा किसके हाथ में सुरक्षित रह सकता है. इसी बात को समझते हुए आकाश आनंद की बसपा में वापसी की स्क्रिप्ट लिखी गई और अब उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी है.

बसपा प्रमुख मायावती की गोद में खेलकर आकाश आनंद पले-बढ़े और उनकी ही उंगली पकड़कर राजनीति में आए. आकाश आनंद का जब अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ की तरफ सियासी झुकाव ज्यादा बढ़ा, खासकर मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाए जाने के घोषणा के बाद, अशोक सिद्धार्थ उन्हें राजनीतिक दांव पेंच सिखाने लगे तो मायावती चिंतित हो गई. 2024 में सीतापुर में आकाश आनंद का दिया गया भाषण हों या बसपा कोऑर्डिनेटर को निशाने पर लिया जाना. इसके पीछे अशोक सिद्धार्थ का ही हाथ था.

आकाश आनंद क्या यूपी की संभालेंगे कमान?
मायावती ने अब जब आकाश आनंद की वापसी कराई है तो उन्हें अपने ही मार्गदर्शन में रहकर राजनीति सिखाने का काम करेंगी. मायावती भी आकाश के हाथों में ही बसपा का भविष्य देख रही हैं. बसपा के युवा कैडरों का भी मायावती पर आकाश आनंद को वापस लेने का दबाव था. दलितों के बीच चंद्रशेखर आजाद तेजी से अपने सियासी पैर पसारते जा रहे हैं, जिससे दलित युवाओं का झुकाव भी आजाद समाज पार्टी की तरफ तेजी से हो रहा है. चंद्रशेखर की नजर जहां यूपी पर है तो कांग्रेस और सपा भी दलितों के सहारे यूपी में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में लगे हैं.

बसपा का उदय यूपी से ही हुआ और राजनीतिक बुलंदी भी यूपी में ही मिली है. मायावती चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रही हैं, लेकिन 2012 के बाद से बसपा का सियासी ग्राफ लगातार कमजोर होता जा रहा है. बसपा को दलित वोटबैंक पूरी तरह से खिसकता जा रहा है और मायावती का सजातीय जाटव समाज भी अब छिटक रहा है. ऐसे में दलित युवाओं को जोड़ने के लिए मायावती फिर से आकाश को पार्टी में लाईं है.

उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं. यूपी की चुनाव बसपा के सियासी वजूद को बचाने वाला माना जा रहा है. ऐसे में मायावती का पूरा फोकस इन दिनों उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में होने वाले 2027 के चुनाव पर है. मायावती ने बुधवार को यूपी और उत्तराखंड के नेताओं की ही बैठक बुलाई है. इसीलिए माना जा रहा है कि आकाश आनंद को यूपी और उत्तराखंड की सियासी पिच पर सक्रिय किया जा सकता है. ऐसे में सभी की निगाहें मायावती की बैठक पर टिकी हुई है. देखना है कि लखनऊ में हो रही बैठक में आकाश आनंद शिरकत करते हैं या नहीं, इसके अलावा मायावती क्या आकाश को लेकर कोई बड़ा फैसला लेंगी या फिर नहीं?

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group