अमेरिका का 25% टैरिफ लागू, बिहार के निर्यात पर कितना होगा असर?

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अमेरिका के 25% अतिरिक्त टैरिफ का असर बिहार पर? BIA अध्यक्ष बोले- ज्यादा नुकसान की आशंका नहीं

पटना। भारत पर अमेरिका ने 25% अतिरिक्त आयात शुल्क लागू कर दिया है। अमेरिकी गृह मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। बुधवार आधी रात से यह शुल्क प्रभावी हो गया। अब भारतीय वस्तुओं पर कुल आयात शुल्क 50% हो गया है, क्योंकि पहले से ही 25% शुल्क लागू था।

बिहार के निर्यात पर कितना असर?

बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (BIA) के अध्यक्ष केपीएस केसरी का कहना है कि इस फैसले से बिहार पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य से अमेरिका को जाने वाले निर्यात का हिस्सा सीमित है। मखाना, लीची, जर्दालू आम, मधुबनी पेंटिंग, भागलपुरी सिल्क और अन्य पारंपरिक उत्पाद जरूर वहां भेजे जाते हैं, लेकिन इनकी मांग अन्य देशों में भी है। हालांकि उनका अनुमान है कि इस टैरिफ से बिहार के निर्यात पर करीब 250 करोड़ रुपये सालाना का असर पड़ सकता है।

मखाना पर सबसे ज्यादा खतरा

विशेषज्ञों के मुताबिक, टैरिफ का सबसे ज्यादा असर बिहार के मखाना उद्योग पर पड़ेगा। देश के कुल मखाना उत्पादन का 80% से ज्यादा हिस्सा बिहार में होता है। इनमें से करीब 25% मखाना अमेरिका को निर्यात किया जाता है, जो सालाना लगभग 600 टन है। टैरिफ बढ़ने से इसकी आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।

मखाना व्यवसायी सत्यजीत सिंह ने कहा कि यदि अमेरिका से ऑर्डर घटे तो निर्यातक दूसरे देशों में बाजार तलाशेंगे। “कुछ समय के लिए परेशानी जरूर होगी, लेकिन लंबी अवधि में ज्यादा नुकसान नहीं होगा,” उन्होंने कहा।

नए बाजारों की तलाश में निर्यातक

व्यापारियों का मानना है कि टैरिफ बढ़ने से मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा कला, भागलपुरी सिल्क, कतरनी चावल, लीची और आम के निर्यात पर भी असर पड़ेगा। हालांकि निर्यातक अब यूरोप, खाड़ी देशों और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे नए बाजारों पर फोकस करने लगे हैं।

अमेरिका का तर्क

अमेरिका ने अतिरिक्त टैरिफ लगाने के पीछे भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद को कारण बताया है। विश्लेषकों का मानना है कि इसका असर भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर पड़ेगा। भारत का अमेरिका को कुल निर्यात 48 अरब डॉलर से ज्यादा का है।