सिरोही/रेवदर।
कस्बे में रविवार शाम को फंदे से लटके मिले 12वीं के छात्र की मौत के बाद मेडिकल जांच में हुई देरी से लोगों का ग़ुस्सा तीसरे दिन मंगलवार को फूट पड़ा। परिजन, ग्रामीण और छात्र 6 घंटे तक पोस्टमार्टम में देरी को लेकर डटे रहे और “जस्टिस फॉर रविंद्र” के पोस्टर लेकर कांडला हाईवे जाम कर दिया।
जूरिस्ट टीम की मांग पर अड़ा विरोध, सीएमएचओ के खिलाफ प्रदर्शन
परिजनों की ओर से हत्या की आशंका जताए जाने पर पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने की बात कही थी। लेकिन बोर्ड ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जूरिस्ट टीम (फॉरेंसिक विशेषज्ञ) से जांच की सिफारिश की। मंगलवार सुबह फॉरेंसिक एक्सपर्ट की बजाय सिरोही से दो मेडिकल अधिकारी पहुंचे, जिससे आक्रोश और बढ़ गया। ग़ुस्साए लोगों ने सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी के खिलाफ नारेबाजी की और कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिया।
महिलाएं भी उतरीं सड़क पर, अस्पताल परिसर में किया विरोध
पोस्टमार्टम में हो रही देरी से नाराज़ होकर कस्बे की सैकड़ों महिलाएं भी विरोध में शामिल हो गईं। उन्होंने रैली निकालकर अस्पताल परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया और सीएमएचओ पर लापरवाही का आरोप लगाया।
जब विधायक मोतीराम कोली अस्पताल पहुंचे, तो गुस्साई महिलाओं ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया और नारेबाजी की। ग्रामीणों ने एडीएम डॉ. दिनेशराय सापेला को ज्ञापन सौंपकर सीएमएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की।
एडीएम-एएसपी की पहल पर हुआ पोस्टमार्टम, शव सौंपा गया
करीब 44 घंटे बाद फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीम ने पोस्टमार्टम किया। इसके बाद छात्र का शव परिजनों को सौंपा गया।
स्थिति को संभालने के लिए मौके पर तीन थानों का पुलिस बल और आरएसी जवान तैनात रहे।