हिल स्टेशन माउंटआबू में विभिन्न आबादी क्षेत्रों में भालुओं का मूवमेंट लगातार बढ़ रहा है। इससे आमजन में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। ऐसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हो जाए इसको लेकर प्रशासन एक्टिव मोड में आ गया है। इसी क्रम में उपखंड अधिकारी डॉ. अंशुप्रिया की अध्यक्षता में सोमवार को एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें भालुओं के मूवमेंट को रोकने एवं जनसहभागिता के साथ इस समस्या के समाधान के बारे में विचार विमर्श किया गया। लोगों ने बड़े ही बेबाकी से अपना पक्ष रखा।
कार्यशाला की उद्देश्य वन विभाग एवं आमजन में आपसी समन्वय स्थापित कर भालुओं के बढ़ते मूवमेंट एवं जनहानि को रोकना था। इसमें वन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि कचरे में जगह-जगह बची हुई खाद्य सामग्री डाली जा रही है। इससे ही भालुओं का मूवमेंट लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने आबादी क्षेत्रों में भालुओं के आने पर उनसे दूर रहने तथा तत्काल विभागीय प्रशासन को इसकी सूचना देने का आग्रह किया गया। इसके साथ ही बची खाद्य सामग्री को खुले में नहीं फेंका जाए इसका सबको मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता जताई गई।
वन विभाग के रवैये पर जताई नाराजगी
इस दौरान लोगों का कहना था कि वन विभाग अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता है। पहले भी भालू आबादी क्षेत्रों में आते थे, लेकिन उस दौरान वे और विभागीय कर्मचारी मिलकर वहां से वापस जंगल की ओर खदेड़ने का काम करते थे। अब आपसी समन्वय के अभाव में समस्या लगातार गंभीर हो रही है। कचरे में खाना डालने जैसी बातें करना गलत है। अभी एक मादा भालू ने ग्लोबल हॉस्पिटल के पास बच्चों को जन्म दिया है। उन्हें न तो जंगल के वातावरण का पता है और न ही वहां के खाने का। वापस जंगल में कैसे भेजा जाएगा। क्या विभागीय प्रशासन बता सकता है। इस दौरान समय समय पर इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता जताई।