लखनऊ: आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने के आरोपों से घिरी रियल एस्टेट कंपनी अंसल API की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कंपनी के खिलाफ एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। ताज़ा मामले में राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में आठ और एफआईआर दर्ज की गई हैं। पीड़ितों का आरोप है कि कंपनी ने फ्लैट और प्लॉट बुक कराने के नाम पर उनसे करीब एक करोड़ रुपये (99.96 लाख) हड़प लिए हैं। अंसल कंपनी पर अब तक 250 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
इन आठ नए मामलों के दर्ज होने के बाद लखनऊ और अन्य थानों में अंसल कंपनी के खिलाफ मुकदमों की कुल संख्या 261 के करीब पहुंच गई है। पहले से ही कंपनी पर सैकड़ों निवेशकों के साथ ठगी करने के आरोप लग चुके हैं। देहरादून निवासी गुरु प्रसाद सिंह ने साल 2011 में अंसल कंपनी से प्लॉट और फ्लैट बुक कराया था। 2018 तक 38.30 लाख रुपये किस्तों में जमा किए थे। हालांकि 14 साल बीत गए, लेकिन अबतक न तो कब्जा मिला और न ही रकम वापस की गई है। इसी तरह लखनऊ की इंदिरानगर निवासी सुरभि वर्मा ने मार्च 2013 में 242 वर्गमीटर का प्लॉट बुक कर 26.16 लाख रुपये जमा किए थे। अब तक न रजिस्ट्री हुई और न ही रकम वापस हुई है।
प्लॉट बुक लेकिन कब्जा नहीं
ऐसे ही लखनऊ की चौक निवासी देवयानी बाजपेई ने साल 2012 में प्लॉट बुक कर 13.94 लाख रुपये का भुगतान किया था, लेकिन कब्जा नहीं मिला। इसी तरह मानकनगर निवासी सरोज मौर्य ने अंसल से प्लॉट बुक कराया था। फिर बड़ा प्लॉट देने का लालच देकर 11.04 लाख रुपये और वसूल लिए गए थे। एल्डिको उद्यान, रायबरेली रोड निवासी मनोज कुमार ने पैराडाइज डायमंड प्रोजेक्ट में 2 BHK फ्लैट बुक किया था। 6.78 लाख रुपये जमा किए थे, लेकिन फ्लैट आज तक नहीं मिला है। कृष्णा नगर निवासी अजय कुमार ने प्लॉट बुक कर 1.07 लाख रुपये दिए थे, लेकिन 12 साल बाद भी जमीन पर कब्जा नहीं मिला है।
कई सालों ने सिर्फ इंतजार
ऐशबाग निवासी मानेक गुप्ता ने भी अंसल में प्लॉट बुक कराने के नाम पर 1.32 लाख रुपये जमा किये थे लेकिन वो भी ठग गए हैं। बाजारखाला निवासी शुभाव गुप्ता ने प्लॉट बुक कर 1.32 लाख रुपये का भुगतान किया था। लेकिन न रजिस्ट्री हुई और न ही कब्जा मिला है। यह सभी मुकमदे, 2, 3 और 4 अगस्त को दर्ज किए गए हैं। फिलहाल इन सभी मामलों में पीड़ितों की तहरीर पर धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अंसल कंपनी पर इससे पहले भी बड़े स्तर पर निवेशकों को ठगने के आरोप लग चुके हैं। कई लोग सालों से फ्लैट और प्लॉट का इंतजार कर रहे हैं।