पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाताओं की अब तक की सर्वाधिक उपस्थिति दर्ज की गई। दो दशकों में पहली बार राज्य में सिक्योर इंडिविजुअल रजिस्ट्रेशन (एसआईआर) लागू होने के बाद भारी मतदान हुआ, जिसने निर्वाचन आयोग का आत्मविश्वास बढ़ाया। आयोग अब अगले वर्ष होने वाले एक दर्जन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर लागू करने की तैयारी कर रहा है। रिकॉर्ड मतदान ने विपक्ष के वोट चोरी के आरोपों को कमजोर कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विजय भाषण में बिहार के रिकॉर्ड मतदान को निर्वाचन आयोग की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी पोलिंग बूथ पर दोबारा मतदान की जरूरत नहीं पड़ी। मोदी ने निर्वाचन आयोग, चुनाव अधिकारियों, सुरक्षा बलों और मतदाताओं को बधाई दी। उन्होंने जोर दिया कि बिहार के युवाओं ने एसआईआर को गंभीरता से लिया। “लोकतंत्र की शुद्धता के लिए हर वोट मायने रखता है,” मोदी ने कहा। वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि मतदाताओं ने स्वेच्छा से एसआईआर में भाग लिया। सभी समयसीमाओं का पालन हुआ और प्रक्रिया पारदर्शी रही। बिहार में एसआईआर की सफलता अन्य राज्यों के लिए मिसाल बनेगी।
कांग्रेस के नेतृत्व में वोट चोरी का अभियान चलाया गया। राहुल गांधी ने बिहार में वोट अधिकार यात्रा निकाली, लेकिन जनता ने इसे कोई समर्थन नहीं दिया। परिणामस्वरूप, कांग्रेस केवल 6 सीटें ही जीत पाई। सुप्रीम कोर्ट ने भी विपक्षी दलों की याचिकाएं खारिज कर दीं, जिनमें एसआईआर को रोकने या रद्द करने की मांग थी। विपक्ष का दावा था कि इससे कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों का मताधिकार प्रभावित होगा। लेकिन चुनाव में इन्हीं वर्गों की उच्च भागीदारी ने उनके तर्क को झुठला दिया।









