किडनैपिंग मामले में नेपाल में फरार बिहार के बाहुबली विधायक को पकड़ा गया, पढ़ें गिरफ्तारी का पूरा हाल

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पटना: बिहार के बाहुबली विधायकों की एक लंबी फेहरिस्त है। इनमें एक नाम जाकिर अनवर खान उर्फ जाकिर मियां का भी है। वे 2010 में अररिया से लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुने गये थे। उन पर नेपाल के एक उद्योगपति तुलसीराम अग्रवाल के अपहरण का आरोप लगा था। आरोप के मुताबिक तुलसीराम अग्रवाल को करीब डेढ़ महीने तक अगवा कर रखा गया और 5 करोड़ की फिरौती लेने के बाद ही उन्हें रिहा किया गया था। यह घटना 2002 में हुई थी। नेपाल पुलिस अग्रवाल अपहरण कांड में जाकिर खां को पिछले 10 साल से तलाश कर रही थी। 2012 की बात है। उस समय अररिया के पुलिस अधीक्षक थे शिवदीप लांडे। नेपाल पुलिस के एक उच्चाधिकारी पी के कार्की ने शिवदीप लांडे को वांछित अपराधियों की एक सूची सौंपी थी जिसमें जाकिऱ खान का भी नाम था। उस समय जाकिर खान पर अररिया में कई आपराधिक मामले दर्ज थे। शिवदीप लांडे ने नेपाल के पुलिस अधिकारी को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था।

बिहार के विधायक की नेपाल में गिरफ्तारी
9 नवम्बर 2012 को नेपाल के मोरंग जिले के जापा में विधायक जाकिर खान गिरफ्तार कर लिया गया। ये गिरफ्तारी तुलसीराम अग्रवाल अपहरण मामले में हुई थी। बिहार के विधायक की नेपाल में गिरफ्तारी से हंगामा मच गया। जब अररिया में ये खबर पहुंची तो विधायक के समर्थक उग्र हो गये। वे नेपाल पुलिस पर मनमानी का आरोप लगाने लगे। विधायक की गिरफ्तारी के खिलाफ लोजपा के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर गये। उन्होंने विरोध मार्च निकाला और जोगबनी बाजार का बंद करा दिया। सड़क जाम कर घंटों यातायात बाधित कर दिया गया। चूंकि जोगबनी शहर नेपाल की सीमा पर बसा है, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर शांति बनाये रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल को बुला लिया गया।

शादी समारोह में गये थे नेपाल
दरअसल विधायक जाकिर अनवर खान और जोगबनी पंचायत परिषद के पूर्व प्रमुख भोला शंकर तिवारी एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए नेपाल के झापा गये हुए थे। नेपाल पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली उसने अग्रवाल अपहरण कांड में विधायक के साथ-साथ भोलाशंकर तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया। भोला शंकर तिवारी का नाम भी नेपाल पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल था। इस गिरफ्तारी को अंजाम देने में नेपाल पुलिस को करीब छह महीने से अधिक का समय लग गया।

कैसे हुआ था उद्योगपति का अपहरण?
27 जनवरी 2002, कुछ हथियारबंद बदमाशों ने भारतीय मूल के नेपाली उद्योगपति तुलसीराम अग्रवाल का विराटनगर (नेपाल) से अपहरण कर लिया। घटना बिहार के जोगबनी सीमा से 5 किलोमीटर दूर नेपाल में हुई थी। आधुनिक हथियारों से लैस आठ-दस अपराधी के एक बड़े वाहन में वहां पहुंचे थे। उनके साथ भारतीय नम्बर वाली एक मोटरसाइकिल भी थी। उस समय अग्रवाल अपने दोस्तों के साथ विराटनगर में टहल रहे थे। तभी अपराधियों ने अग्रवाल को घेर लिया और जबरन गाड़ी में बैठा लिया। फिर वे बहुत तेजी से भाग निकले। अग्रवाल के दोस्तों ने फोन से नेपाल पुलिस को तुरंत इस अपहरण की सूचना दी। लेकिन अपहर्ता फूलप्रूफ प्लान के साथ आय़े थे। वे नेपाल पुलिस को चकमा देते हुए बिहार की सीमा में दाखिल हो गये। इस घटना के बाद नेपाल में हंगाम मच गया था। जाकिर अनवर खान को गिरफ्तार करने के बाद काठमांडू जेल में रखा गया था। इससे पहले इस अपहरण मामले में पप्पू देव की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस की पूछताछ में उसने अपहरण में शामिल लोगों के नामों का खुलासा किया था।

3 विधायकों वाली पार्टी लोजपा जीरो पर पहुंची
2010 के चुनाव में लोजपा ने 75 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन जीत मिली थी केवल 3 पर। कुछ समय बाद दो विधायक प्रमोद कुमार सिंह (भभुआ) और नौशाद आलम (ठाकुरगंज) लोजपा छोड़ कर नीतीश कुमार के साथ आ गये थे। जाकिर खान लोजपा के अकेले विधायक बचे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले जब रामविलास पासवान ने भाजपा के साथ गठबंधन करने का ऐलान किया तो इसके विरोध में जाकिर खान ने भी लोजपा छोड़ दी थी। इस तरह तीन विधायकों वाली लोजपा चार साल में शून्य पर पहुंच गयी। जाकिर खान पहली बार सन 2000 के चुनाव में फारबिसगंज से बसपा के टिकट पर विधायक बने थे। फरवरी 2005 और अक्टूबर 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजद के टिकट पर फारबिसगंज से किस्मत आजमायी थी, लेकिन हार मिली थी।