कोटा: दीपावली के त्योहारी सीजन को देखते हुए भ्रष्टाचारियों ने राजस्थान में घूस लेने का ट्रेंड भी बदल दिया है। अब घूसखोर रिश्वत मिठाई के डिब्बे में लेने लगे हैं। ऐसा ही मामला कोटा जिले के खातौली क्षेत्र में सामने आया, जहां हल्का पटवारी को मिठाई के डिब्बे में 45,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। बुधवार को हुई इस कार्रवाई के बाद से एसीबी की टीम लगातार रिश्वतखोर पटवारी से पूछताछ कर रही है।
एसीबी की कोटा स्पेशल यूनिट ने खातौली में पटवारी प्रधान चौधरी को जमीन की पैमाइश और तरमीम करने के एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। पटवारी ने ऑफिस के बाहर परिवादी की कार में जाकर रुपये वाला डिब्बा लिया और उसे एक बंद पड़े टॉयलेट के कमोड में रख दिया था।
50 हजार रुपये की मांग की थी रिश्वत, 5000 उसी समय लिए
एसीबी स्पेशल यूनिट के एएसपी मुकुल शर्मा ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली थी कि परिवादी की जमीन की पैमाइश और तरमीम करवाने के लिए पटवारी प्रधान चौधरी रिश्वत मांग रहा है। सत्यापन के दौरान उसने 50 हजार रुपये की मांग की थी, जिनमें से 5 हजार रुपये उसी समय ले लिए थे। इसके बाद टीम उसे पकड़ने के लिए परिवादी के साथ खातौली पहुंची। परिवादी 45 हजार रुपये मिठाई के डिब्बे में लेकर गया। कॉल करने पर पटवारी परिवादी की कार में आया और रिश्वत की राशि वाला डिब्बा लेकर चला गया। उसने वह डिब्बा पटवार भवन की पहली मंजिल पर बंद पड़े पुराने बाथरूम के कमोड में रख दिया। इशारा मिलने पर एसीबी टीम मौके पर पहुंची और उसे दबोच लिया।
पकड़े जाने पर एसीबी से मुकरा
जब एसीबी ने पटवारी को पकड़ा तो वह साफ मुकर गया और बोला कि 'मेरे पास पैसे नहीं हैं।' लेकिन उसके हाथों और कपड़ों पर केमिकल का रंग आ गया। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने कबूल किया कि उसने पैसे लिए हैं और उन्हें बाथरूम के कमोड में छिपाया है। टीम ने वहां से डिब्बा बरामद कर पटवारी को गिरफ्तार कर लिया।
पटवारी मूल रूप से जयपुर का रहने वाला है और इस समय खातौली में सरकारी क्वार्टर में रह रहा है। उसके घर की भी तलाशी ली जा रही है।
दिवाली की मिठाई खिला दो, काम तुरंत कर देंगे
एएसपी ने बताया कि आरोपी खुलेआम पैसे मांग रहा था। परिवादी 19 सितंबर को उससे मिला था, तब पटवारी ने कहा था कि 'काम मैं ही करूंगा, इसलिए पैसे देने पड़ेंगे।' सत्यापन के दौरान भी उसने कहा कि 'दिवाली की मिठाई खिला दो, काम दिवाली से पहले ही कर देंगे, लेकिन रेट पुराना ही रहेगा।' प्रधान को नौकरी लगे तीन साल हुए हैं और वह तीन साल से खातौली में ही पदस्थ है।