पटना। बिहार में जहां एक ओर मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक दलों के बीच समर्थन और विरोध जारी है, वहीं अब मतदाता भी अपने मुद्दों को लेकर खुलकर सामने आने लगे हैं। औरंगाबाद जिले से एक ऐसी ही चौंकाने वाली खबर आई है, जहां रफीगंज प्रखंड के गोरडीहा पंचायत अंतर्गत कुंवर बिगहा गांव के ग्रामीणों ने सड़क नहीं बनने पर विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। ग्रामीणों के इस फैसले ने सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की चिंता बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि अब राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि ग्रामीणों को मनाने गांव पहुंच सकते हैं।
आजादी के बाद से नहीं बनी सड़क, ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों का आरोप है कि आजादी के बाद से अब तक उनके गांव में कभी सड़क नहीं बनी। गांव के समाजसेवी और पंचायत प्रतिनिधि राजेश कुमार यादव, राजद के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष विजय यादव, सुरेंद्र यादव, गुणेश दास, शैलेंद्र दास, परशुराम यादव, राज कुंडल दास, मोहम्मद साजिद, जितेंद्र दास, मोहम्मद आफताब, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद फारूक, रामाशीष यादव, मोहम्मद अरमान, मोहम्मद मुर्तुजा, रामेश्वर दास, रामजी यादव, आशीष यादव, सूरज दास, चंदन दास और पुरुषोत्तम दास सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने इस मुद्दे पर गहरा आक्रोश जताया।
2.5 किलोमीटर सड़क पूरी तरह जर्जर
ग्रामीणों ने बताया कि कुंवर बिगहा को रफीगंज-इस्माइलपुर-गया मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली करीब 2.5 किलोमीटर लंबी सड़क वर्षों से जर्जर हालत में है। हालत ये है कि अब उस पर न वाहन चल पाते हैं, न साइकिल और न ही पैदल चलना मुमकिन है। यह सड़क कई गांवों जैसे गौसपुर, प्राणपुर, पाती, मदारपुर और कासमा को जोड़ती है।
बरसात में दो फीट तक भर जाता है पानी
बरसात के मौसम में इस सड़क पर एक से दो फीट तक पानी और कीचड़ जमा हो जाता है। इससे न केवल आम लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है, बल्कि स्कूली बच्चों को भी काफी दिक्कतें होती हैं। बच्चे अपने जूतों को कीचड़ से बचाने के लिए प्लास्टिक लपेट कर स्कूल आते-जाते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जब किसी मरीज की तबीयत बिगड़ती है, तो उसे गांव से रफीगंज तक ले जाना बेहद कठिन हो जाता है। जनप्रतिनिधि चुनाव के समय वोट मांगने तो आते हैं, लेकिन जीतने के बाद गांव की तरफ मुड़कर भी नहीं देखते।
रोड नहीं तो वोट नहीं" का नारा बुलंद
इस नाराजगी के बीच ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का एलान करते हुए "रोड नहीं तो वोट नहीं" का नारा बुलंद किया। उनका कहना है कि जब तक गांव में पक्की सड़क नहीं बनेगी, तब तक वे वोट नहीं देंगे। यह गांव यादव, मुस्लिम और दलित बहुल है और यहां के लोग लंबे समय से राजद के कोर वोटर माने जाते हैं। रफीगंज से दो बार विधायक रहे राजद नेता मो. नेहालुद्दीन को यहां से हमेशा भारी समर्थन मिलता रहा है। ग्रामीणों का यह रुख विधायक की राजनीतिक जमीन को कमजोर कर सकता है।
राजनीतिक हलचल तेज, विपक्ष को मिल सकता है मौका
ऐसा माना जा रहा है कि अब विधायक मो. नेहालुद्दीन ग्रामीणों को मनाने के लिए कुंवर बिगहा पहुंच सकते हैं। दूसरी ओर, पूर्व विधायक और जदयू जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह तथा लोजपा (रामविलास) से टिकट के दावेदार प्रमोद सिंह भी गांव का रुख कर सकते हैं और लोगों को भरोसा दिला सकते हैं कि यदि उन्हें मौका मिला, तो वे गांव में सड़क बनवाएंगे।