Saturday, November 23, 2024
Homeराज्‍यछत्‍तीसगढछत्तीसगढ़ की इस जनजाति में बगैर live-in relationship (घोटुल) में रहे नहीं...

छत्तीसगढ़ की इस जनजाति में बगैर live-in relationship (घोटुल) में रहे नहीं होता विवाह

live-in relationship: भारत का आदिवासी समुदाय ही एक ऐसा समुदाय है जो प्रकृति के अनुरूप चलता है। उनके रीति रिवाज उनके कामकाज उनके परंपराएं सभी प्रकृति से जुड़े हुए हैं। आज हम आपको बता रहे हैं की प्रकृति से जुड़े ऐसे ही समुदायों के बारे में जो अपने दैनिक जीवन की डोर भी कैसे विश्वास पर टिका के रखते है। बस्तर को अक्सर समृद्ध विरासत और प्राकृतिक संपदा के साथ भारत के आदिवासी गढ़ के रूप में जाना जाता है। मध्य भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ में इस जिले की लगभग 70 प्रतिशत आबादी आदिवासी है। बस्तर क्षेत्र की प्रमुख जनजातियों में गोंड, अभुज मारिया, भात्रा, हलबा, धुरवा, मुरिया और बाइसन हॉर्न मारिया शामिल हैं। इन आदिवासी समुदायों में से प्रत्येक की अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान है और देवी-देवताओं, त्योहारों और खाद्य पदार्थों के अपने खुद के पंथ के साथ एक अनूठी जीवन शैली है।

“घोटुल” परंपरा मतलब live-in relationship

baster 1 1

आज हम ऐसे ही एक परंपरा को बता रहे हैं जो छत्तीसगढ़ के बस्तर में रहने वाली मोरिया जनजाति की एक अजीबोगरीब परंपरा है। जो सदियों से चले आ रही है। इस जनजाति के युवक और युवतियां लिविंग में रहते हैं और एक दूसरे को मनचाहा साथी चुनने के लिए वह इस परंपरा का निर्वाहन कर रहे हैं। इस परंपरा को “घोटुल” नाम की परंपरा से भी जाना जाता है इस परंपरा में आदिवासी मिट्टी की झोपड़ी बनाते हैं और उसमें लड़के लड़कियां जाकर नाच गाना करते हैं इस दौरान ही लड़की लड़कियों को एक दूसरे के करीब लाने का प्रयास किया जाता है। साथ ही इस परंपरा के अंतर्गत लड़के बांस की कंगी बनाते हैं और जिस लड़की को वह लड़का पसंद आता है उसे कंगी को चुरा लेती है फिर वह उस लड़के से प्यार का इजहार कर देती और दोनों इस झोपड़ी में साथ रहकर मानसिक और शारीरिक रूप से एक दूसरे के हो जाते हैं। बाद में दोनों की शादी उनके परिवार वाले कर देते हैं।

राजस्थान, गुजरात और झारखंड में भी है यह परंपरा

ऐसे ही कुछ परंपरा राजस्थान और गुजरात में गरासिया जनजातियों में भी देखी जाती है। यहां पर भी लिविंग रिलेशनशिप आम बात है। यही नहीं इस जनजाति में औरतें शादी के बाद भी दूसरे मर्द से संबंध बना सकती है वह अपने पति को भी खुद ही चुनती है। इस जनजाति के लोगों में एक मेले का आयोजन भी होता है जिसमें मनचाहे साथी को चुनने की आजादी होती है। झारखंड में भी इस तरह की परंपरा है व्याप्त है, कहा जाता है कि झारखंड में यह परंपरा वहां के लोगों के पास पैसा नहीं होने के कारण शादी न होने के चलते निभाई गई थी।

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group