Sunday, May 19, 2024
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छत्तीसगढ़ में खात्मे की तरफ बढ़ रहा नक्सलवाद, ये आकड़ें बयां कर रहे दास्तां

रायपुर। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद नक्सलवाद को खत्म करने के अभियान में तेजी आई है। सरकार बनने के बाद अबतक 80 से ज्यादा नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं। 125 गिरफ्तार हुए हैं और 150 ने आत्मसमर्पण किया है। बीते दिनों कांकेर में हुए अबतक के सबसे बड़े एनकाउंटर में 29 नक्सली ढेर कर दिए गए। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह का बयान भी सामने आया। जिसमे उन्होंने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की बात कही। लेकिन क्या सच में नक्सलवाद देश से खत्म होने की कगार पर है। आइए इन आकड़ों से समझते है।


बीजेपी की सरकार आने के बाद आई तेजी

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद नक्सलवाद के खिलाफ अभियान में तेज हो गया है। सरकार ने सुरक्षबलों लो फ्री हैंड दिया। जिसका नतीजा भी सामने आया। सरकार बनने के महज कुछ ही महीनों में 80 से अधिक नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है।इतना ही नहीं मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही साय सरकार ने लगातार नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बल कैंप लगाए गए।

गृहमंत्री शाह ने बोले खत्म करेंगे नक्सलवाद

छत्तीसगढ़ के कांकेर में अबतक का सबसे बड़ा एनकाउंटर भी बीजेपी सरकार में हुआ। जिसमे 29 नक्सली मारे गए। जिसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि, राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ केंद्र के अभियान को गति मिली है। “सरकार बनने के बाद लगभग 3 महीने की अवधि में छत्तीसगढ़ में 80 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, 125 से अधिक गिरफ्तार हुए हैं और 150 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि यह भविष्य में भी जारी रहेगा और बहुत कम समय में मोदी जी के नेतृत्व में हम देश से नक्सलवाद को उखाड़ फेंकेंगे। उन्होंने आगे कहा, ”कल छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने हैं तब से भाजपा सरकार ने नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ लगातार अभियान चलाया है।


देश में 70 जिले नक्सल प्रभावित

बता दे कि, नक्सलवाद का आतंक देश के करीब 10 राज्यों में फैला है। इन राज्यों के कुल 70 जिले ऐसे है, जो नक्सलवाद से ग्रसित है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव झारखंड में है। जहां 16 जिले नक्सल प्रभावित है ,वहीं छत्तीसगढ़ में 14 जिले। छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद के जंजीरो से आजाद करने के लिए बीते 14 सालों में 1582 नक्सली मुठभेड़ हुई है। इन मुठभेड़ के दौरान 1452 नक्सली मारे गए हैं। वहीं 1002 आम नागरिकों की भी मौत हुई है। जबकि इनसे लड़ते हुए 1222 जवान शहीद हो गए।

खत्म होने वाला है नक्सलवाद ?

प्रदेश की सरकारें अपने स्तर पर नक्सलवाद पर नकेल कसने की योजना पर काम किया है। अभी वर्तमान में छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने नक्सलियों के विरुद्ध अभियान तेज कर दिया है। इसके पहले सरकार की तरफ से शान्ति प्रस्ताव रखा था, लेकिन नक्सल नेताओं की तरफ से इस प्रस्ताव पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद से सरकार ने इनसे सीधा लड़ने का रुख अपनाया है। जिसके बाद से नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बीते कुछ महीने के भीतर हुई मुठभेड़ में बटालियन स्तर के नेता मारे गए है। अभी कांकेर में सुरक्षबलों ने सबसे बड़े एनकाउंटर को अंजाम दिया। जिसमे शंकर राव जैसे डिवीजन लेवल का नेता मारा गया। सरकार के इस कदम से अभी नक्सली पूरी तरफ से बैकफुट पर है। उम्मीद है कि जल्द ही प्रदेश को लाल सलाम के इस कैंसर से जल्द निजात मिलेगी। 

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