खेजड़ी पेड़ों की लाशें जमीन में दबी मिलीं, भाटी बोले- ट्रक में भरकर रख देंगे प्रशासन के सामने

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बाड़मेर : राजस्थान के बाड़मेर जिले में खेजड़ी सहित हरे-भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को लेकर बवाल मचा हुआ है। सोलर कंपनी पर आरोप है कि उसने शिव उपखंड के बरियाड़ा और खोड़ाल गांवों में पेड़ों को काटकर कुछ को पेट्रोल छिड़ककर जला दिया और बाकी को जमीन में दबा दिया। इस कार्रवाई के विरोध में स्थानीय ग्रामीण लगातार धरने पर बैठे हैं और उनके साथ शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी मैदान में उतर आए हैं।
 
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को विधायक भाटी ने खुद जेसीबी मशीन की मदद से जमीन में दबाए गए कटे पेड़ों को निकलवाया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे। विधायक ने चेतावनी देते हुए कहा कि काटे गए सभी पेड़ों को ट्रकों में भरकर जिला कलेक्ट्रेट ले जाया जाएगा और प्रशासन को सुपुर्द किया जाएगा, ताकि कोई इन्हें गायब न कर सके। उन्होंने कहा कि ऐसा पहले भी हो चुका है, जब सबूत मिटा दिए गए थे।

विधायक ने लगाई अधिकारियों को फटकार

रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि सोलर कंपनी ने खेजड़ी के सूखे पेड़ों को पेट्रोल डालकर जला दिया और हरे पेड़ों की लकड़ियों को जमीन में लगभग डेढ़ किलोमीटर तक दफना दिया गया। उन्होंने बताया कि अब तक ऐसी चार जगहों की पहचान की जा चुकी है, जहां पेड़ों को दफनाया गया है।

विधायक ने सरकार और प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि AC में बैठने वाले अधिकारी एक पेड़ को मां के नाम से लगा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ जनता के पैसों और प्रकृति दोनों के साथ कुठाराघात कर रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जनता का भरोसा टूट रहा है और यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
 
धरने पर गुजारी रात, राख के पास लगाई चारपाई

यह विवाद तब और गहरा गया जब रविवार को विधायक भाटी को सूचना मिली कि राज्य वृक्ष खेजड़ी और अन्य पेड़ों को काटकर जला दिया गया है। खबर मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। यही नहीं उन्होंने विरोध का एक अनूठा तरीका अपनाते हुए उन पेड़ों की राख के पास चारपाई लगाकर रात गुजारी और पूरी रात वहीं डटे रहे।
 
सोमवार को दूसरे दिन भी भाटी ग्रामीणों के साथ धरने पर डटे रहे और पेड़ों को निकलवाने की कार्रवाई शुरू करवाई। उनका कहना है कि जब तक प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करता, तब तक यह विरोध जारी रहेगा।
 
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, प्रशासन पर निष्क्रियता के आरोप

धरनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों का आरोप है कि सोलर कंपनियां मुनाफे के चक्कर में क्षेत्र की हरियाली को खत्म कर रही हैं और प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। लोगों का कहना है कि खेजड़ी सिर्फ एक पेड़ नहीं, बल्कि यहां की संस्कृति और जीवन का प्रतीक है। ग्रामीणों ने मांग की है कि न केवल पेड़ों की कटाई को रोका जाए, बल्कि जो नुकसान हो चुका है, उसकी भरपाई भी की जाए और जिम्मेदार कंपनी व अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

भविष्य की चेतावनी, आंदोलन और तेज करने की तैयारी

विधायक भाटी ने कहा है कि यदि प्रशासन ने अब भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वे और ग्रामीण आंदोलन को और उग्र करेंगे। पेड़ों को ट्रकों में भरकर जिला मुख्यालय तक ले जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है, जिससे यह पूरे प्रशासन के सामने ठोस सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जा सके।