जैसलमेर जिले में मंगलवार दोपहर हुई भीषण बस दुर्घटना में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में उपचाराधीन हैं। हादसे में घायल भागा देवी ने बुधवार देर रात इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ गई है। छह मरीजों की हालत अब भी नाजुक बताई जा रही है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।
गौरतलब है कि 14 अक्टूबर की दोपहर जैसलमेर से जोधपुर की तरफ आ रही एक निजी ट्रेवल्स की बस में अचानक लगी आग के कारण 20 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद गंभीर घायलों को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल रैफर किया गया था, उनमें से कल दस साल के बच्चे युनूस की मौत हो गई थी। इसके बाद आज एक और घायल महिला भागा देवी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
हादसा इतना भयानक था कि बस में बैठी सवारियों के शव बुरी तरह जलकर चिपक गए। मृतकों की पहचान के लिए डीएनए जांच की जा रही है और जल्दी ही डीएनए रिपोर्ट के आधार पर शव परिजनों के सुपुर्द किए जाएंगे। हादसे में अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ मौत की बलि चढ़े महेंद्र मेघवाल के परिजन अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। परिजनों ने सरकार से 50 लाख के मुआवजे की मांग की है।
जैसलमेर बस हादसे में जिंदा जले पत्रकार राजेंद्र सिंह चौहान के बड़े भाई चंदन सिंह ने बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ जैसलमेर के सदर थाने में मामला दर्ज करवाया है। जानकारी के अनुसार हादसे के लगभग 24 घंटे बाद यह पहली एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि जिस बस में आग लगी, उसे कुछ दिन पहले ही परमिट जारी किया गया था। साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि हादसे में जली बस साधारण बस थी जिसे एसी बस में तब्दील किया गया था।
मुख्यमंत्री ने सहायता राशि घोषित की
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों और घायलों के लिए आर्थिक सहायता स्वीकृत की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार मृतकों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्हें पूरी मदद देने और घायलों के हरसंभव उपचार के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मृतकों के आश्रितों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है। जिन परिवारों में 3 या अधिक लोगों की मृत्यु इस दुर्घटना में हुई है, उन परिवारों को 25-25 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। गंभीर घायलों को 2-2 लाख रुपये एवं अन्य घायलों को 1-1 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
सीएम भजनलाल ने मुख्यमंत्री सहायता कोष नियमों में शिथिलता देते हुए यह स्वीकृति प्रदान की है