मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में यातायात एवं सड़क सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने परिवहन, पुलिस और सार्वजनिक निर्माण विभाग को संयुक्त रूप से प्रदेशभर में आगामी 15 दिन तक सड़क सुरक्षा अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों की पालना सुनिश्चित करवाने के साथ ही दुर्घटनाओं में जनहानि को रोकने के लिए सभी संबंधित विभाग मिलकर कार्य करें।
हाई-लेवल बैठक और विभागीय निर्देश
श्री शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर ट्रैफिक एवं सड़क सुरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने जिला सड़क सुरक्षा समिति की नियमित बैठक नहीं लेने वाले जिला कलक्टर्स से जवाब लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भारी वाहन लाइसेंस नवीनीकरण के समय प्रस्तुत की जाने वाली आंखों की जांच रिपोर्ट गलत पाए जाने पर उसे जारी करने वाली संबंधित डॉक्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
ओवरस्पीड और अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने परिवहन और पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि शराब पीकर वाहन चलाने और ओवरस्पीड के बार-बार चालान होने पर वाहन चालक का लाइसेंस निरस्त किया जाए। उन्होंने सड़क सुरक्षा अभियान के तहत प्रदेश में चिन्हित ब्लैक स्पॉटों को शीघ्र ठीक करवाने एवं राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों पर अवैध कट को शीघ्र बंद करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। जयपुर-कोटा, जयपुर-दिल्ली, जयपुर-अजमेर व जयपुर-भरतपुर हाईवे पर वाहन चालकों के लिए नवीन आरामस्थलों के लिए जमीन चिन्हित कर बनवाने के निर्देश दिए। एनएचएआई के अधिकारियों को राजस्थान में भारतमाला राष्ट्रीय राजमार्ग और दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के किनारे समस्त अवैध निर्माणों को शीघ्र हटाने के निर्देश दिए गए।
चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं को सुदृढ़ करना
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि दुर्घटना की स्थिति में घायलों को एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल तक पहुंचाया जाए। उन्होंने ट्रक चालकों की आंखों की जांच कराने, ओवरटाइम ड्राइविंग के लिए ट्रांसपोर्ट कंपनियों की जिम्मेदारी तय करने और सर्दियों में कोहरे के कारण आवश्यक स्थानों पर रिफ्लेक्टर लगाने के निर्देश दिए।
यातायात नियम पालन और निगरानी
श्री शर्मा ने सभी जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को अवैध कटों को बंद कराने, इंटरसेप्टर तैनात करने, हाईवे पर गलत दिशा से आने वाले वाहनों पर कार्रवाई करने और नो-एंट्री जोन में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने जागरूकता अभियान चलाने, कर्मचारियों के प्रशिक्षण और पैदल यात्री मार्ग पर अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को इन कार्यों की मॉनिटरिंग करने का आदेश दिया गया।बैठक में परिवहन, गृह, पुलिस, सार्वजनिक निर्माण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगरीय विकास, जेडीए, एनएचएआई सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे.









