रायपुर में चौपाटी हटाने का मामला, पूर्व विधायक ने सड़क पर लेटकर किया विरोध

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रायपुर | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित NIT के सामने मौजूद चौपाटी को लेकर विवाद बढ़ गया है. शनिवार सुबह जब नगर निगम का अमला बुलडोजर लेकर पहुंचा और चौपाटी में मौजूद दुकानों को हटाना शुरू किया तो कांग्रेस नेता सड़क पर लेट गए| पहले ही इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस नेता रात भर प्रदर्शन करते रहे. वहीं, BJP ने इस मामले में कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं|

बनने के ऐलान से ही विवादों में घिरी चौपाटी

रायपुर की NIT चौपाटी बनने के ऐलान के साथ ही विवादों में घिर गई थी. NIT के सामने मौजूद इस चौपाटी का विवाद साल 2023 में शुरू हुआ. वर्तमान में रायपुर पश्चिम से विधायक राजेश मूणत उस समय धरने पर बैठे और चौपाटी हटाने का विरोध किया था. अब पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने चौपाटी हटते से सैकड़ों लोगों के साथ अन्याय का आरोप लेकर प्रदर्शन किया|

इन सब विवादों के बीच NIT चौपाटी को हटा दिया गया है. चौपाटी पर शुरू हुई नगर निगम की कार्रवाई विवादों में घिर गई है. शनिवार सुबह जैसे ही नगर निगम की टीम, पुलिस बल और JCB मशीन मौके पर पहुंची तो व्यापारियों और कांग्रेस नेताओं ने इसका तीखा विरोध शुरू कर दिया|

10 करोड़ की लागत से बनी चौपाटी

इस चौपाटी का निर्माण करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था. यहां 60 दुकानें थीं, जिनमें 300 लोग काम करते थे. BJP नेताओं का कहना है कि रायपुर के मास्टर प्लान के नियमों के खिलाफ इस चौपाटी निर्माण हुआ है. वहीं, पिछले कई दिनों से चौपाटी विस्थापन को लेकर कांग्रेस ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है|

BJP-कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प

शुक्रवार देर रात पूर्व मंत्री राजेश मूणत के निवास के बाहर BJP-कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हो गई. शुक्रवार रात जोरदार विरोध शुरू हुआ. विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के नेताओं को हिरासत में लेकर जेल भी भेजा गया. नगर निगम की कार्रवाई के दौरान पूर्व विधायक विकास उपाध्याय सड़क पर तक लेट गए. उन्होंने इस कार्रवाई को लकेर कहा कि जिद की वजह से चौपाटी हटाई गई है. वहीं, विधायक राजेश मूणत ने कहा कि कांग्रेस ने चौपाटी से एजुकेशन हब को बर्बाद कर दिया. बीजेपी रायपुर के विकास के साथ है|

‘कांग्रेस का दोहरा चरित्र रहता है…’

NIT चौपाटी विवाद को लेकर प्रदेश के डिप्टी CM अरुण साव ने कहा- ‘लोकतंत्र में विरोध करना अधिकार है, लेकिन कांग्रेस अपनी राजनीति के बारे में विचार करें कि वो किस दिशा में जाना चाहते हैं और किस विषय में क्या सोचते हैं. सत्ता में रहते हैं तो अलग बात करते हैं, विपक्ष में रहते हैं तो अलग. कांग्रेस का दोहरा चरित्र रहता है