बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी — अब एकमुश्त भुगतान पर मिलेगी 25% तक छूट

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लखनऊ: यूपी में करीब 1.45 करोड़ बिजली बकायेदारों का 31205 करोड़ रुपये बिजली बिल व 24775 करोड़ रुपये सरचार्ज सहित कुल 55980 करोड़ बकाया है। इसकी वसूली के लिए ऊर्जा विभाग ने बिजली बिल राहत योजना 2005 शुरू की है। इसके लिए तीन चरण में पंजीयन होगा। पहला चरण 1 से 31 दिसंबर 2025, दूसरा चरण एक जनवरी से 31 जनवरी 2026 व तीसरा चरण एक फरवरी से 28 फरवरी 2026 तक चलेगा।

इस योजना के तहत एकमुश्त भुगतान पर मूल बिल में 25 फीसदी तक की छूट, किस्तों में भी भुगतान की सुविधा होगी। लेकिन इसके लिए पंजीयन या रजिस्‍ट्रेशन कराना होगा। उपभोक्ता बिजली विभाग की वेबसाइट यूपीपीसीएल डॉट ओआरजी, विभागीय कार्यालय, जनसेवा केंद्र पर पंजीयन कर सकते हैं। मीटर रीडर अथवा विभागीय कैश काउंटर पर भी पंजीयन करा सकते हैं।

पंजीयन के समय दो हजार रुपये जमा करने होंगे। बकाये के भुगतान के लिए तीन विकल्प मिलेंगे। पहला विकल्प एकमुश्त राशि जमा करने का होगा। दूसरा 750 रुपये मासिक किस्त व तीसरा 500 रुपये मासिक किस्त का विकल्प मिलेगा। यह सुविधा 31 मार्च 2025 से पहले कनेक्शन लेने वालों को मिलेगी।

ऊर्जा विभाग की बिजली बिल राहत योजना 2025 में पंजीयन के बाद पूरा बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं को डिफॉल्टर घोषित किया जाएगा। इससे उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा। उन्हें छूट भी नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं डिफॉल्टर अवधि का अतिरिक्त भुगतान भी करना करना पड़ेगा।

इस पूरी योजना को 9 पॉइट्स में समझ सकते हैं:
1. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के अनुसार, यदि उपभोक्ता प्रथम चरण में पंजीकृत है और पंजीयन के 30 दिनों में पूरा भुगतान कर देता है तो उसे 25% की छूट मिलेगी।
2. अगर वह 31वें दिन भुगतान करता है तो उसे दूसरे चरण की अवधि वाली 20 फीसदी छूट मिलेगी।
3. अगर तृतीय चरण की अवधि में भुगतान करता है तो उसे 15 फीसदी की ही छूट मिलेगी। तीसरे चरण की अवधि की समाप्ति तक पूर्ण भुगतान न करने पर उसे डिफॉल्टर माना जाएगा।
4. इस तरह अगर वह 28 फरवरी 2026 तक भुगतान नहीं करता है तो डिफॉल्टर हो जाएगा और उसे कोई छूट नहीं मिलेगी। इसके बाद डिफॉल्टर होने तक की अवधि का लंबित भुगतान अधिभार विद्युत बिल में जोड़ दिया जाएगा।
5. पुराने बकाए के साथ मासिक बिल के नियमित भुगतान के लिए पंजीयन करने वाले उपभोक्ताओं के लिए भी फॉर्मूला तय किया गया है। अगर कोई उपभोक्ता 750 रुपये मासिक किस्त के रूप में भुगतान करने के लिए पंजीयन करता है तो उस चालू माह के बिल का भी भुगतान करते रहना होगा।
6. अगर उसे माह की 15 तारीख तक बिजली बिल नहीं मिलता है तो उसे बकाए के सापेक्ष 750 रुपये के साथ प्रोविजनल बिल का भुगतान माह की 25 तारीख तक करना होगा।
7. मासिक प्रोविजनल बिल की राशि की गणना उपभोक्ताओं की श्रेणी के आधार पर होगी। प्रोविजनल बिल और मासिक किस्त में से किसी एक का बकाया रहने पर उसे डिफॉल्ट माना जाएगा। बिल की सूचना उपभोक्ता के पंजीकरण के समय दिए गए मोबाइल नंबर पर एसएमए या व्हाट्सएप के जरिये भेजा जाएगा।
8. एक माह जमा न करने पर 50 रुपये, दो माह पर 150 और तीन माह पर 300 रुपये डिफॉल्ट राशि जोड़ी जाएगी। तीन बार के बाद भी जमा नहीं करने पर उसे पूरी तरह से डिफॉल्टर मान लिया जाएगा। ऐसी ही व्यवस्था 500 रुपया प्रतिमाह की किस्त देने वालों के लिए भी बनाई गई है।
9. योजना की अवधि में बिल में कोई गड़बड़ी होने पर उसे जांचने की भी व्यवस्था रहेगी। इसके लिए डिस्काम स्तर पर निदेशक (वाणिज्य) के नेतृत्व में विशेष सेल का गठन होगा।

जिनके यहां मीटर नहीं लगे हैं या ज्‍यादा बिल आ रहा है उनका आकलन नॉरमेटिव खपत के आधार पर होगा। यह आकलन 144 यूनिट प्रति किलोवाट प्रतिमाह की खपत के आधार पर होगा। ऐसे उपभोक्ताओं से मासिक औसत राशि 650 रुपये और प्रथम चरण की 25 फीसदी छूट के आधार पर 488 रुपया लिया जाएगा।