दिल्ली–जयपुर रूट पर बड़ी खुशखबरी, 516 करोड़ की DPR से सफर होगा तेज

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अलवर | राजस्थान के अलवर जिले के लिए एक बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है। अलवर से बहरोड़ तक की व्यस्त सड़क को फोरलेन बनाने की तैयारी पूरी हो गई है। राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम लिमिटेड (आरएसआरडीसी) ने 516 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर इसे सरकार के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि नए साल में यह परियोजना जमीन पर उतर सकती है। इससे दिल्ली का सफर भी और सुगम होगा।

तेजी से बढ़ता ट्रैफिक, दो लेन सड़क पर बढ़ रहा था खतरा

अलवर-बहरोड़ मार्ग पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। अभी तक यह हाईवे दो लेन का था और बीच में डिवाइडर न होने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही थी। लगभग 60 किलोमीटर की दूरी तय करने में जर्जर सड़क और भीड़भाड़ के कारण दो घंटे तक का समय लग रहा था। स्थानीय लोगों की लंबे समय से मांग थी कि सड़क को फोरलेन किया जाए। प्रदेश सरकार ने इस मांग को स्वीकार करते हुए परियोजना को हरी झंडी दी और निर्माण की जिम्मेदारी आरएसआरडीसी को सौंपी। विभाग ने सर्वे के बाद DPR तैयार कर सरकार को भेज दी है, जिसके बाद प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है।

70 किलोमीटर का फोरलेन मार्ग, दो वर्षों में पूरा होने की उम्मीद

हालांकि बहरोड़ की वास्तविक दूरी करीब 60 किमी है, लेकिन घुमावों को हटाने और सड़क को सुगम बनाने के लिए लगभग 70 किलोमीटर लंबे नए फोरलेन मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। नई सड़क के बीच में डिवाइडर बनाया जाएगा, जिसमें पौधरोपण भी किया जाएगा ताकि मार्ग सुरक्षित और सुंदर दिखे।

कई घुमाव होंगे खत्म, वाहनों की गति बढ़ेगी

DPR के अनुसार सोड़ावास के पास एक ओवरब्रिज बनाया जाएगा, जिससे ट्रैफिक का दबाव कम होगा और वाहन बिना रुके गुजर सकेंगे। वहीं जिदौली, आलमपुर और डहरा के पास मौजूद लंबे घुमावों को भी हटाया जाएगा। इससे यात्रा समय कम होगा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। इस परियोजना के लिए लगभग 16 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी, जिसके लिए 75 करोड़ रुपये के मुआवजे का प्रावधान किया गया है। अलवर-बहरोड़ फोरलेन हाईवे के तैयार होने के बाद यात्रा समय घटकर केवल 45 मिनट रह जाएगा, जिससे लोगों को सीधा लाभ मिलेगा और क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।