Hidma Encounter की बड़ी खबर छत्तीसगढ़ से सामने आई है। दशकों से मोस्ट वांटेड और 1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर हिडमा आखिरकार ढेर हो गया है। भोले-भाले लोगों और बड़ी संख्या में जवानों की मौत के लिए जिम्मेदार हिडमा देश के सबसे खूंखार नक्सल नेताओं में शामिल था। 2010 के दंतेवाड़ा हमले से लेकर 2013 के झीरम घाटी नरसंहार तक, कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड वही था। माना जाता है कि Hidma Encounter नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ी सफलताओं में एक है।
हिडमा बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन का प्रमुख कमांडर था। रावुला श्रीनिवास रमन्ना की मौत के बाद वह नक्सल नेतृत्व का मुख्य चेहरा बन गया। छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर हुई मुठभेड़ में उसके मारे जाने की खबर ने पूरे क्षेत्र में राहत की भावना पैदा की है।
उसके नाम कई खतरनाक हमले दर्ज हैं। 2023 के अरनपुर IED ब्लास्ट, 2021 के सुकमा-बीजापुर हमले, 2017 के बुरकापाल हमले और 2013 के झीरम घाटी नरसंहार में हिडमा की सीधी भूमिका थी। वह 2004 से अब तक 27 से अधिक नक्सली हमलों में शामिल रहा। 2010 के ताड़मेटला हमले में जब CRPF के जवान आराम कर रहे थे, तब 500 से ज्यादा नक्सलियों ने उन्हें घेरकर हमला किया, जिसमें 76 जवान शहीद हुए।
झीरम घाटी नरसंहार ने देश को झकझोर दिया था। 25 मई 2010 को कांग्रेस रैली के बाद झीरम घाटी में हुए हमले में शीर्ष नेताओं समेत 30 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। 2021 की सुकमा-बीजापुर मुठभेड़ में भी 22 जवान शहीद हुए।









