झारखंड की उप राजधानी कहे जाने वाले दुमका में डायन के आरोप में भीड़ ने के घर में हमला कर दिया. घर की महिलाए किसी तरह बचकर भाग गईं. भीड़ ने घर में मौजूद बुजुर्ग पिता और उसके बेटे को पकड़ लिया. उन्हें बिजली के खंभे से बांधकर जमकर पीटा. पिटाई से बेटे की मौत हो गई वहीं, पिता गंभीर रूप से घायल है. इस मामले में पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.
घटना दुमका जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत मालभंडारों पंचायत के पकड़िया गांव की है. घटना के मुताबिक, गांववालों ने यहां के रहने वाले पूर्व सैनिक बथन राणा की पत्नी चुड़की पर जादू टोना करने और डायन-बिसाही होने का आरोप लगाया. इसी बीच गांव के लोगों ने उनके घर पर हमला कर दिया. इस दौरान किसी प्रकार घर में मौजूद चुड़की और उसकी बहू तो भीड़ से बचकर भाग गईं. जबकि, घर में मौजूद लगभग 70 वर्षीय बुजुर्ग बथन राणा और उनके बेटे नरेश राणा को भीड़ ने पकड़ लिया.
महिलाओं पर लगाया डायन होने का आरोप
घर की महिलाओं पर डायन होने का आरोप लगाकर भीड़ ने दोनों बाप-बेटे को घर की समीप के ही बिजली के पोल से बांधा फिर उसकी बेरहमी से लाठी-डंडे और लोहे की रॉड से इस कदर पिटाई किया कि दोनों अधमरा हो गए. इस घटना में बेटे नरेश राणा ने दम तोड़ दिया. जबकि, पिता बथन राणा को गंभीर हालत में दुमका जिला के ही फूलों जानू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
घर पर किया हमला
मृतक के परिजनों के मुताबिक, गांव के रहने वाले गुलाब मड़ैया के पिता डबु मड़ैया की तबीयत काफी दिनों से खराब थी. वह लगातार बीमार चल रहे थे. इसी बीच उनके परिजनों के द्वारा यह आरोप लगाया जाना लगा कि चुडकी डायन है और उसी ने काला जादू किया है, जिसकी वजह से उसके पिता की तबीयत सही नहीं हो रही है. इसी आरोप में लगभग सात की संख्या में मौजूद आरोपियों ने जिसमें कुछ महिलाएं भी शामिल थे, उन लोगों के द्वारा पूरी घटना को अंजाम दिया गया है. आरोपियों में गुलाब मड़ैया, डबु मड़ैया, बबलू मड़ैया, चुन्नीलाल मड़ैया सहित अन्य लोग शामिल हैं. इस मामले में दुमका जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में सात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है.
बेटे की मौत, पिता गंभीर
मृतक के परिजनों के मुताबिक, पहले भी डायन-बिसाही की घटना को लेकर दोनों परिवार के बीच विवाद हो चुका था. वर्ष 2024 में आरोपियों के द्वारा परिवार के लोगो के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया था. इसे लेकर पीड़ित परिवार के द्वारा मुफस्सिल थाना में शिकायत किया गया था. हालांकि, उस दौरान पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाया और सुलह कर दिया था. आरोपियों ने अपनी गलती को स्वीकार किया था और आगे से मारपीट नहीं करने की बात कही थी.