राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोमवार हुए भीषण सड़क हादसे ने हिला कर रख दिया है. हादसे में 14 लोगों की मौके पर मौत हो गई और करीब 25 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. सभी घायलों का इलाज जयपुर के अलग-अलग अस्पतालों में जारी है. हादसा सोमवार दोपहर करीब 12:55 बजे हुआ है.
विराटनगर निवासी चालक कल्याण सुबह बाइक से घर से निकला था. शाहपुरा पहुंचते ही उसने ठेके पर शराब पी और फिर बैनाड़ स्थित साइट से डंपर लेकर निकल पड़ा. कल्याण को बढ़ारना स्थित प्लांट पर जाना था, लेकिन रास्ते में उसने पहले एक कार से टक्कर मारी. कहासुनी के बाद वह डंपर को रॉन्ग साइड दौड़ाता हुआ लोहा मंडी रोड पर आ गया. कुछ ही सेकंड में उसने वाहनों और राहगीरों को कुचल दिया.
टीआई, ASI और कांस्टेबल सस्पेंड
हादसे के बाद हरमाड़ा थाना क्षेत्र के टीआई राजकिरण, एएसआई राजपाल सिंह और कांस्टेबल महेश कुमार कोनिलंबित कर दिया गया है. जांच में खुलासा हुआ कि हादसे में शामिल डंपर पहले भी तीन बार ओवरलोडिंग के आरोप में पकड़ा जा चुका था. इस पर कुल 51 हजार रुपए के चालान किए गए थे, जिनमें से 17 हजार रुपए का एक चालान अब तक बकाया था. डंपर जयपुर की अलंकार कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम पर पंजीकृत है, जिसका ऑफिस विद्याधर नगर के बालाजी टॉवर में स्थित है.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक डंपर करीब 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ रहा था. महज 14 सेकंड में 400 मीटर तक वह 5 कारों, 8 बाइकों और 5 राहगीरों को रौंदता चला गया. खून से सने पहिए और डंपर की बॉडी हादसे की भयावहता बयान कर रहे थे. हादसे के बाद डंपर एक्सप्रेस-वे पर एक ट्रेलर से टकराकर डिवाइडर में जा घुसा.
यह हादसा उस समय हुआ, जब आसपास के तीन बड़े स्कूलों में छुट्टी होने में अभी 5 मिनट बाकी थे. यदि हादसा कुछ देर बाद होता, तो सैकड़ों छोटे बच्चों की जान भी जा सकती थी. हादसे के बाद स्कूलों ने तत्काल छुट्टी रोक दी और जाम हटने के बाद ही अभिभावकों को बुलाकर बच्चों को सुरक्षित घर भेजा गया.
जयपुर में ट्रैफिक पुलिस बल को बढ़ाने के आदेश
इस दर्दनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर पुलिस आयुक्त और ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों के साथ आपात बैठक की. उन्होंने निर्देश दिए कि नो-एंट्री जोन में भारी वाहनों के प्रवेश पर सख्त कार्रवाई की जाए और रात के समय ट्रैफिक व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाए. साथ ही जयपुर में ट्रैफिक पुलिस बल को बढ़ाने के भी आदेश दिए गए.
लोगों का कहना है कि यदि ट्रैफिक नियमों की निगरानी और शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर समय रहते सख्त कार्रवाई की जाती, तो इतनी जानें नहीं जातीं. जयपुर का यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि सड़क पर लापरवाही और सिस्टम की ढिलाई दोनों ही मौत को न्योता देती हैं.









