रांची: शैक्षणिक सत्र 2025–27 में 11वीं कक्षा की सीटों में वृद्धि को लेकर प्रस्तावों पर अब तक अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। इस देरी का सीधा असर उन हजारों छात्रों पर पड़ा है, जिन्होंने बढ़ी हुई सीटों पर नामांकन तो ले लिया, लेकिन अब तक उनका पंजीयन नहीं हो पाया है। इसी बीच झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने इंटर परीक्षा 2027 के लिए पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे छात्रों की चिंता और बढ़ गई है।
Inter Admission Seat Increase Issue के तहत राज्य के करीब एक दर्जन इंटर कॉलेजों ने सितंबर महीने में सीट वृद्धि का प्रस्ताव जैक को भेजा था। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा संसाधनों की जांच के बाद ये प्रस्ताव आगे बढ़ाए गए, लेकिन स्वीकृति में हो रही देरी के कारण संबंधित कॉलेजों के विद्यार्थी पंजीयन से वंचित रह गए हैं। स्थिति यह है कि कई छात्र समाधान की तलाश में जैक कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
जैक ने इंटर परीक्षा वर्ष 2027 के लिए दो जनवरी तक बिना विलंब शुल्क पंजीयन की सुविधा दी है। लेकिन जिन कॉलेजों की सीट वृद्धि को अब तक मंजूरी नहीं मिली है, वहां पढ़ रहे छात्र इस समय असमंजस में हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि बिना अंतिम स्वीकृति के नामांकन लेने वाले कॉलेजों की जिम्मेदारी तय कैसे होगी।
Inter Admission Seat Increase Issue को लेकर झारखंड वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने भी नाराजगी जताई है। मोर्चा के प्रतिनिधि रघुनाथ सिंह ने बताया कि 28 दिसंबर को मुख्यमंत्री और शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र निर्णय की मांग की जाएगी। उनका कहना है कि प्रशासनिक देरी के कारण छात्रों का भविष्य खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए।
वहीं जैक के सचिव जयंत मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि सीट वृद्धि के प्रस्तावों पर कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। जिला शिक्षा पदाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही अंतिम निर्णय आने की उम्मीद है। Inter Admission Seat Increase Issue का समाधान समय पर नहीं हुआ, तो छात्रों की परेशानी और बढ़ सकती है।









