वाराणसी के महिला थाने में उस समय हड़कंप मच गया जब खुद थाना प्रभारी सुमित्रा देवी और उनकी सहयोगी महिला सिपाही अर्चना राय को एंटी करप्शन टीम ने ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. यह घटना वाराणसी के कोतवाली थाना परिसर स्थित महिला थाने की है, जहां दोनों अधिकारी ड्यूटी पर तैनात थीं.
पीड़ित मेराज की शिकायत पर हुई कार्रवाई
एंटी करप्शन टीम की यह कार्रवाई भदोही जिले के सिविल लाइन जलालपुर निवासी मेराज पुत्र मोहम्मद इस्लाम की शिकायत पर की गई. मेराज ने बताया कि वाराणसी महिला थाना प्रभारी सुमित्रा देवी ने उनसे ₹20,000 की रिश्वत मांगी थी. आरोप है कि सुमित्रा देवी ने रिश्वत की यह रकम मेराज का नाम दहेज उत्पीड़न के एक मामले से हटाने के लिए मांगी थी.
दहेज उत्पीड़न मामले में मांगी थी रिश्वत
मेराज ने अपनी शिकायत में कहा कि उसके छोटे भाई की पत्नी रुखसार ने दहेज उत्पीड़न का मुकदमा परिवार के 13 सदस्यों पर दर्ज करवाया था और जेल भेजने की धमकी दी थी. इस मामले की विवेचना का जिम्मा महिला थाना प्रभारी सुमित्रा देवी को मिला था. विवेचना के दौरान सुमित्रा देवी ने मेराज से ₹20,000 की घूस की मांग की और पहली किस्त के रूप में ₹10,000 थाने बुलाकर लेने की बात कही थी.