छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में Sukma Naxal Operation के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। हिडमा के ढेर होने के बाद छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर एक और मुठभेड़ में 7 नक्सली मारे गए। दूसरी तरफ, आंध्र प्रदेश पुलिस ने SZCM, DVCM और ACM रैंक के कुल 50 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इनमें सुकमा जिले के जगरगुंडा, केरलापाल और किस्टाराम एरिया कमेटी के लगभग सभी सक्रिय नक्सली शामिल हैं। इसका मतलब है कि सुकमा नक्सल मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
SZCM, DVCM, ACM रैंक के 50 नक्सली गिरफ्तार
बस्तर में चार दशक से सक्रिय नक्सली संगठन कमजोर होते दिख रहे हैं। गिरफ्त में आए नक्सलियों में 3 SZCM सदस्य—लखमा, मदन्ना और सोढ़ी मनीला—शामिल हैं। इसके अलावा 5 DVCM, 19 ACM और 23 पार्टी मेंबर (PM) गिरफ्तार किए गए हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा नक्सल नेटवर्क ब्रेकडाउन माना जा रहा है।
बस्तर में सक्रिय नक्सली भी गिरफ्त में
इन 50 नक्सलियों को आंध्र प्रदेश के 5 जिलों से पकड़ा गया। इनमें बीजापुर के 28, सुकमा के 21 और नारायणपुर जिले का 1 नक्सली शामिल है। पुलिस ने इनके कब्जे से 25 लाख रुपये नकद, AK–47, रायफल, पिस्टल और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की है।
क्या सुकमा और बस्तर अब नक्सलमुक्त?
गिरफ्तारियों में जगरगुंडा एरिया कमेटी प्रमुख लखमा, मदन्ना उर्फ जग्गु दादा और सोढ़ी मनीला जैसे कुख्यात नक्सली शामिल हैं। देवा और केसा को छोड़ सभी मुख्य नक्सली पकड़े जा चुके हैं। इससे विशेषज्ञ मान रहे हैं कि बस्तर अब नक्सलमुक्त होने की कगार पर है।
हिडमा का अंत
एक दिन पहले 18 नवंबर को छत्तीसगढ़–ओडिशा बॉर्डर पर एनकाउंटर में खूंखार नक्सली कमांडर हिडमा उसकी पत्नी राजे और 4 नक्सलियों के साथ मारा गया। यह नक्सल मोर्चे की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है।









