जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में सिरमौर बनाने तथा पेयजल और सिंचाई के लिए बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित होकर कार्य कर रही है। इस संकल्प को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार सभी आवश्यक वित्तीय संसाधन सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि हाउसिंग एंड अरबन डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (हुडको) एवं राज्य सरकार के बीच आज हुआ एमओयू विकसित राजस्थान के लक्ष्य की प्राप्ति में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय पर जैसलमेर सौर ऊर्जा संयत्र के वर्चुअल उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी कंपनी रिन्यू (ReNeW)द्वारा आज जैसलमेर में 400 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र से अक्षय ऊर्जा का उत्पादन प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। शेष 200 मेगावाट का उत्पादन अक्टूबर तक प्रारंभ हो जाएगा। शर्मा ने कहा कि इससे राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि होगी। नवीकरणीय क्षमता जुड़ने से बिजली की लागत कम हो जाएगी जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ कम होगा और सरकार को बचत भी होगी। इस संयंत्र द्वारा राजस्थान डिस्कॉम को बेहद सस्ती दरों पर विद्युत आपूर्ति हो सकेगी।
बुनियादी सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली और पानी की निर्बाध आपूर्ति के क्रम में महत्वपूर्ण प्रगति अर्जित की है। प्रदेश में 28 हजार 500 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा एवं 3325 मेगावाट की थर्मल परियोजनाओं के लिए 1 लाख 50 हजार करोड़ रूपये के निवेश हेतु एमओयू हो चुके हैं। साथ ही, प्रसारण तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश पर हस्ताक्षर भी हुए। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम एवं एसजेवीएन के मध्य 600 मेगावाट सौर ऊर्जा परचेज एग्रीमेंट हस्ताक्षरित हो चुका है। उन्होंने बताया कि 8 हजार मेगावाट सौर एवं 3 हजार 200 मेगावाट कोल आधारित परियोजनाओं के लिए टैरिफ आधारित निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ की जा चुकी है। इन परियोजनाओं की स्थापना से 64 हजार करोड़ रूपये का निवेश होगा।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकास के नए आयाम हुए स्थापित
उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में प्रदेश विकसित राजस्थान के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री की कार्यशैली से प्रेरित होकर हम सब कार्य कर रहे हैं और प्रत्येक क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल ने कहा कि जल जीवन मिशन में युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है जिससे आगामी समय में प्रदेश में पेयजल की समस्या का समाधान हो पाएगा। ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान विद्युत कुप्रबंधन के कारण राज्य में विद्युत आपूर्ति एवं उत्पादन अव्यवस्थित हो गया था। लेकिन हमारी सरकार द्वारा ऊर्जा उत्पादन पर ठोस कार्य-योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। किसान, उद्योग एवं घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
निवेश के लिए अनुकूल वातावरण हुआ तैयार
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि प्रदेश में निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। आज जिला कलक्टर से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक निवेश के कार्यों पर तत्परता से कार्य किया जा रहा है ताकि प्रदेश विकसित राजस्थान की ओर तेजी से बढ़ सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं और आज 400 मेगावाट संयंत्र का उद्घाटन इन्हीं संभावनाओं का एक बड़ा परिणाम है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा आलोक ने कहा कि इस संयंत्र के संचालित होने से लगभग 350 करोड़ रुपए की बिजली की बचत होगी। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री शिखर अग्रवाल, रिन्यू कंपनी के चेयरमैन एवं संस्थापक सुमंत सिन्हा, हुडको के चेयरमैन संजय कुलश्रेष्ठ सहित ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।
हुडको ने सौंपा 1577 करोड़ रूपए का चैक
हुडको ने राज्य सरकार के साथ एक लाख करोड़ रुपए का एमओयू किया गया, जिसके तहत आगामी 5 वर्षों तक पानी, सिंचाई और बिजली जैसी बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार को प्रति वर्ष 20 हजार करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा। बुधवार को जल जीवन मिशन के लिए हुडको द्वारा आरडब्ल्यूएसएससी को 1577 करोड़ रुपए का चेक सौंपा गया। इस अवसर पर राज्य सरकार एवं हाउसिंग एंड अरबन डेवलपमेंट कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (हुडको) के मध्य महत्त्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए।
उल्लेखनीय है कि रिन्यू (ReNeW) द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक निवेश किया जाएगा, जिसके तहत 5500 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं और महिंद्रा वर्ल्ड सिटी जयपुर में एक 4 गीगावाट सौर मॉड्यूल निर्माण संयंत्र की स्थापना शामिल हैं। जैसलमेर में स्थापित यह 400 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र इसी निवेश का हिस्सा है।