भोपाल। मध्यप्रदेश के बरेली-पिपरिया रोड पर पिछले दिनों हैवी ट्रैफिक के चलते एक ब्रिज गिर गया था, जो खराब स्थिति में था। हादसे में एक राहगीर की मौत हो गई। यह इकलौता पुल नहीं था, जो खराब श्रेणी का था। प्रदेश में 305 पुल खराब और बहुत ही खराब श्रेणी वाले हैं। सभी पर हैवी ट्रैफिक का आना जाना होता है। इन 305 में से 253 ब्रिज एमपीआरडीसी के और 50 पीडब्ल्यूडी के हैं।
जानकारी के मुताबिक एमपीआरडीसी के 253 में से 45 ब्रिज बहुत ही खराब स्थिति में हैं और बाकी सभी खराब हैं। इनकी उम्र 45 से 50 साल हो चुकी है। अफसरों ने बताया कि इन पर काम शुरू हो चुका है। बहुत खराब स्थिति वाले 45 में से 30 का मरम्मत का काम हो चुका है। 15 पर काम जारी है। खराब स्थिति वाले सभी ब्रिज पर काम चल रहा है। इनकी सात दिन में समीक्षा के लिए एमपीआरडीसी एमडी ने निर्देश दिए थे। मंगलवार को एमपीआरडीसी के तकनीकी सलाहकार आरके मेहरा ने समीक्षा की है। दो दिन बाद एमडी खुद समीक्षा करेंगे।
मध्यप्रदेश में कुल 45 ब्रिज बहुत ही खराब स्थिति में हैं। इनमें 24 मेजर ब्रिज हैं। जो ब्रिज बहुत ही खराब स्थिति में हैं, उनमें मकसूदनगढ़- बैरसिया, राहतगढ़-बेगमगंज-गैरतगंज, बरेली-पिपरिया, नसरुल्लागंज-खातेगांव, हरई-जुन्नारदेव के दो ब्रिज, बंदोल जंक्शन-सिखेड़ा से दो ब्रिज, छत्तीसगढ़ बॉर्डर से लगे बैहर ब्रिज, रतलाम-थांडला, लुन्हेरा-मनावर, बदनावर-पेटलावद नाम से दो ब्रिज, थांदला–लिमड़ी नाम से दो ब्रिज, अलीराजपुर-कुक्षी-बड़ वानी मार्ग पर चार ब्रिज, टटेरा सबलगढ़–विजयपुर मोहना, मुंगावली-कंजिया, मुंडी-खंडवा मार्ग पर तीन ब्रिज, खंडवा-डीतलाई मार्ग पर दो ब्रिज, करेली-गाडरवारा-पिपरि या, पिपरिया -होशंगाबाद मार्ग पर पांच ब्रिज, आशापुर -हरदा मार्ग पर दो ब्रिज, दरगांव-हटा, सेमरिया-हटा, खिमलासा-खुरई-राहतगढ़ मार्ग पर दो ब्रिज, मैहर-बरही, मोरवा-झालावाड़ मार्ग पर दो ब्रिज, तराना-देवास मार्ग पर दो ब्रिज, शाजापुर-सोनकच्छ और आगर-सारंगपुर शामिल हैं। अंदरुनी क्षेत्र के डबरा शहर में ब्रिज की हालत खराब होने पर इसका ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया है।









