भोपाल। मध्यप्रदेश के आईएएस अफसर और इंजीनियर छह माह में केंद्र सरकार को यह नहीं बता पाए हैं कि एमपी सरकार की ओर से भेजे गए 77 प्रोजेक्ट के प्रस्ताव मंजूर हैं या नामंजूर कर दिए गए हैं। इन प्रोजेक्ट्स के बारे में केंद्र सरकार का जल शक्ति मंत्रालय हर माह रिमाइंडर भेजता है और जल संसाधन के अफसर इस पर कार्यपालन यंत्रियों से जानकारी मांगते हैं लेकिन जानकारी नहीं भेजी जा रही है। अब इतना अधिक विलंब होने पर जल शक्ति मंत्रालय ने नाराजगी भी जताई है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने जनवरी 2023 में राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि नीति आयोग, एडवायजरी कमेटी और एप्रूवल कमेटी द्वारा राज्य स्तर पर ऐसे प्रोजेक्ट्स की सूची तैयार की गई है जिसे मंजूर होने या नामंजूर किए जाने की स्थिति साफ नहीं है। इसलिए राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग से यह स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया था कि ऐसे मेजर प्रोजेक्ट्स, मल्टी परपज प्रोजेक्टस और मीडियम प्रोजेक्ट्स की जानकारी केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को भेजी जाए ताकि उसके बारे में आगामी निर्णय लिए जा सकें।
सूत्र बताते हैं कि जनवरी से जुलाई के बीच केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने राज्य सरकार को कई बार पत्र लिखे लेकिन जानकारी नहीं भेजी जा रही है। अब एक बार फिर केंद्र सरकार के पत्र के बाद राज्य शासन का जल संसाधन महकमा एक्टिव हुआ है और इसके लिए सभी जिलों के कार्यपालन यंत्रियों, मुख्य अभियंताओं को सूची भेजकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।
केंद्र सरकार के पत्र में जल परियोजनाओं की सूची भेजने के साथ यह भी कहा गया है कि वाटर सिक्योरिटी को लेकर सरकार की गंभीरता के चलते अच्छे परिणाम आए हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वय से जल परियोजनाओं पर काम हुए हैं जिससे जल उपलब्धता बढ़ने के साथ सिंचाई क्षमता बढ़ी है। आने वाले वर्षों में इस दिशा में और काम करने के लिए केंद्र सरकार नवीन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देना चाहती है।