भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय ने 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। बुधवार को हमीदिया महाविद्यालय का अमृत महोत्सव मनाया गया। समारोह में हमीदिया महाविद्यालय के पूर्व छात्र व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अमृत महोत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में हमीदिया महाविद्यालय का भव्य भवन बनाने, नए संकाय खोलने, सीमांमन कराकर महाविद्यालय की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने और एप्रोच रोड बनाने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचार्य और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी जिला प्रशासन के साथ बैठक कर तय कर लें कि यहां पर नया भव्य भवन बनाया जा सकता है या कहीं और बनाया जाए। यह तय होने के बाद भव्य भवन और एप्रोच रोड तुरंत मंजूर कर दूंगा। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में अभी कला और वाणिज्य संकाय हैं, प्राचार्य और विभाग के अधिकारी तय कर लें कि आगे भी यही संकाय चलाने हैं या विज्ञान भी जोडऩा चाहते हैं। आप लोग जो तय करोगे, मैं उसे मंजूरी दे दूंगा। मुख्यमंत्री ने अपने महाविद्यालयीन दिनों को याद करते हुए दोस्तों को याद किया। उन्होंने अपने संस्मरण भी सुनाए। इसके बाद उन्होंने सितंबर महीने में हमीदिया महाविद्यालय के पूर्व छात्रों का सम्मेलन बुलाया जाए। सम्मेलन चाहे मुख्यमंत्री निवास में करें या लाल परेड मैदान में। अमृत महोत्सव समारोह में वर्ष 1946 से 2023 तक के विद्यार्थी शामिल हुए।
जीता वही है जो समाज के लिए जीता है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी के समक्ष यह विकल्प होता है कि वह या तो सामान्य जीवन जिए या देश और समाज के लिए बेहतर कार्य कर महान बनने का प्रयास करे। औरों के लिए जीना उपयोगी जीवन है। जीता वही है जो देश और समाज के लिए जीता है। स्वामी विवेकानंद ने यही प्रेरणा दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वरिष्ठ होने के नाते अपने जूनियर्स को यही संदेश देना चाहता हूं कि जीवन में कुछ बड़ा और बेहतर करने की सोचें। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय परिसर में स्थापित स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मेरे जीवन की दिशा और दशा बदलने का कार्य किया है। मेरे प्यारे बच्चों जैसा सोचोगे वैसा बन जाओगे।
पुस्तकालय भवन का लोकार्पण, कम्प्यूटर लैब का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय की कंप्यूटर लैब का शुभारंभ, परिसर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण और पुस्तकालय भवन का लोकार्पण किया। पुस्तकालय भवन विश्व बैंक परियोजना में निर्मित किया गया है। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय परिसर में व्यायामशाला का भी निरीक्षण किया। महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने लोक नृत्य प्रस्तुत कर नर्तक की भूमिका में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
साथियों की फरमाइश पर सुनाया गीत
मुख्यमंत्री चौहान ने संबोधन के प्रारंभ में गीत भी सुनाया ‘अहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है दोस्तों, ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों…। मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्व विद्यार्थियों और साथियों की फरमाइश पर – ‘नदिया चले, चले रे धारा, तुझको चलना होगा…’ गीत भी सुनाया। मुख्यमंत्री ने उन्हें भेंट किया गया वर्ष 1978 का फोटो भी देखा और यादें ताजा कीं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री रमेश शर्मा ‘गुट्टू भैया’ को भी याद किया। न्यू मार्केट में समता चौक और लिटिल कॉफी हाउस में मित्रों के साथ मिलने-जुलने और चर्चा के दौर चलते थे।