खंडवा में एक साल के बच्चे ने निगला LED बल्ब, एक्स-रे रिपोर्ट देख डॉक्टरों के उड़े होश

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खंडवा: यहां जिला अस्पताल से बड़ी खबर सामने आई है. डॉक्टरों की सतर्कता से एक बच्चे की जान बाल-बाल बची. दरअसल मामला यह है कि शुक्रवार को आनन-फानन में परिजन एक मासूम को गोद में लेकर शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल खंडवा पहुंचे. करीब एक साल का बच्चा बहुत रो रहा था. वहीं बच्चे की ऐसी हालत देखकर परिजन सहमे हुए थे. उन्होंने डॉक्टर को बताया कि बच्चा बहुत देर से उल्टियां कर रहा है और कुछ भी खा पी नहीं रहा है. जब भी दूध पिलाने की कोशिश करो तो बच्चा उल्टी कर देता है. वह सिर्फ तेज-तेज रोए जा रहा है.

एक्स-रे में कुछ फंसा दिखा

शासकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने परिजन की बात सुनी और बच्चे का चेकअप किया. डॉक्टर ने बच्चे के गले का एक्स-रे कराया. एक्स-रे रिपोर्ट को देखने के बाद पता चला कि बच्चे के गेल में मिनी एलईडी बल्ब फंसा हुआ है. यह जानकर परिजन दंग रह गए. हालांकि डॉक्टर ने काफी मशक्कत कर बच्चे के गले से मिनी एलईडी बल्ब निकाला. जब कुछ देर बाद उसकी हालत में सुधार हुआ तो डॉक्टर ने बच्चे की छुट्टी कर दी.

'सुबह से उल्टियां कर रहा था बच्चा'

बच्चे के पिता मनीष पटेल ने बताया, "उनका बेटा सुबह से ही चिड़चिड़ा हो रहा था. जब उन्होंने उसे कुछ खिलाने की कोशिश की तो वह उल्टियां करने लगा. परिजन को समझ नहीं आया कि अचानक बच्चे को क्या हो गया. चूंकि बच्चा सिर्फ एक साल का है, परिजन ने देर न करते हुए तुरंत जिला अस्पताल का रुख किया.

अस्पताल पहुंचने पर ड्यूटी पर मौजूद रेजिडेंट डॉक्टर महबूब खान और उनकी टीम ने बच्चे की तुरंत प्राथमिक जांच की. जांच के दौरान डॉक्टरों को शक हुआ कि बच्चे के गले में कोई बाहरी वस्तु फंसी हो सकती है. इसके बाद एक्स-रे करवाया गया, जिसमें स्पष्ट हुआ कि गले में कोई ठोस धातु या प्लास्टिक का हिस्सा अटका हुआ है."

कड़ी मशक्कत के बाद निकला मिनी बल्ब

डॉक्टर महबूब खान ने बताया, "जब हमें एक्स-रे रिपोर्ट मिली तो पुष्टि हुई कि बच्चे के गले में कोई वस्तु फंसी हुई है. तुरंत टीम ने सावधानीपूर्वक प्रक्रिया शुरू की और कड़ी मशक्कत के बाद छोटा एलईडी बल्ब निकाला. यह मिनी बल्ब राखी में लगा हुआ था, जो खेलते समय बच्चे के मुंह में चला गया. यदि यह बल्ब समय रहते नहीं निकाला जाता तो बच्चे की स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी. गले में फंसी वस्तु सांस की नली को भी ब्लॉक कर सकती थी, जिससे दम घुटने का खतरा रहता है. इस तरह के मामलों में देरी जानलेवा साबित हो सकती है."

 

 

डॉक्टरों का जताया आभार

बच्चे के पिता मनीष पटेल ने कहा कि "हम बहुत डर गए थे, क्योंकि वह कुछ भी खा-पी नहीं पा रहा था और उल्टियां कर रहा था. हमें समझ नहीं आया कि यह कैसे हुआ. बाद में पता चला कि राखी में लगा छोटा एलईडी बल्ब खेलते-खेलते उसने निगल लिया. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है और अपने घर लौट आया है."