प्रदेश के विकास की समग्र तस्वीर पेश करेगा ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट’

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भोपाल : ग्वालियर में 25 दिसंबर को आयोजित होने जा रहा ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट’ मध्यप्रदेश के विकास मॉडल को एक नए और व्यापक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने जा रहा है। यह आयोजन केवल निवेश प्रस्तावों और औद्योगिक घोषणाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उस समग्र सोच को सामने लाता है, जिसमें उद्योग, नगरीय विकास, पर्यटन, एमएसएमई, स्टार्ट-अप और रोजगार एक साथ आगे बढ़ते हुए दिखाई देते हैं। यही वजह है कि यह समिट राज्य की विकास यात्रा में एक साधारण कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक समन्वित विकास मंच के रूप में उभर रहा है।

समिट के दौरान एमपीआईडीसी द्वारा आयोजित प्रदर्शनी और प्रस्तुतियों में नगरीय विकास विभाग की योजनाओं और उपलब्धियों को विशेष स्थान दिया गया है। प्रदर्शनी में लगाए गए सूचना पैनलों और ऑडियो-विजुअल फिल्म के माध्यम से यह बताया गया कि किस तरह शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। इन योजनाओं का सीधा प्रभाव आम नागरिक के जीवन पर पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी पहलों के जरिए बेहतर सड़कों, सार्वजनिक सेवाओं, डिजिटल सुविधाओं और शहरी प्रबंधन को मजबूती मिल रही है, जिससे शहरी जीवन की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है।

नगरीय क्षेत्रों में जलप्रदाय, सीवरेज और हरित क्षेत्र विकास से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं की जानकारी भी इस मंच पर प्रस्तुत की जा रही है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य केवल आधारभूत ढांचा विकसित करना नहीं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए शहरी विस्तार को सुव्यवस्थित करना है। स्वच्छ जल आपूर्ति, बेहतर सीवरेज व्यवस्था और हरित क्षेत्रों का विकास शहरों को निवेश और रोजगार के लिए अधिक अनुकूल बना रहा है।

शहरी आजीविका और आत्मनिर्भरता को मजबूत करने वाली योजनाओं को भी समिट में प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को दिए गए ब्याजमुक्त ऋण, स्व-सहायता समूहों के माध्यम से परिवारों को आजीविका से जोड़ने और युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने की पहल यह दर्शाती है कि शहरी विकास केवल इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं, बल्कि मानव संसाधन के सशक्तिकरण पर भी समान रूप से केंद्रित है। भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल परियोजनाओं की प्रगति आधुनिक शहरी परिवहन की दिशा में राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

इसी व्यापक दृष्टिकोण का विस्तार मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के ‘अभ्युदय 2025’ पवेलियन में भी दिखाई देता है। यह पवेलियन आधुनिक तकनीक और सुसंगठित कंटेंट के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक स्थलों, वन्यजीव पर्यटन और अनुभवात्मक पर्यटन को प्रस्तुत करता है। एलईडी वॉल पर चलने वाली फिल्मों, वर्चुअल रियलिटी अनुभव, महाकाल दर्शन के लिए होलोग्राम तकनीक और डिजिटल स्टैंडीज़ के जरिए यह बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में किस तरह नए अनुभव और अवसर विकसित कर रहा है। सेल्फी और फोटो बूथ जैसे इंटरएक्टिव एलिमेंट्स के जरिए दर्शकों की भागीदारी भी बढ़ाई जा रही है, जिससे राज्य की पर्यटन पहचान और मजबूत हो रही है।

समिट में MSME, स्टार्ट-अप और निर्यात को लेकर आयोजित समानांतर सत्र इस आयोजन को और व्यावहारिक बनाते हैं। इन सत्रों में नीति समर्थन, पूंजी बाजार से जुड़ाव, नवाचार संरक्षण, निर्यात संवर्धन और वैश्विक बाजारों में अवसरों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। राष्ट्रीय संस्थानों, निर्यात संगठनों और वित्तीय संस्थाओं के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की भागीदारी यह स्पष्ट करती है कि मध्यप्रदेश उद्यमियों को केवल निवेश आमंत्रण तक सीमित नहीं रख रहा, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और मंच भी उपलब्ध करा रहा है।

इस समिट की सबसे बड़ी विशेषताओं में से एक है देश के शीर्ष उद्योगपतियों और कॉरपोरेट लीडर्स की व्यापक उपस्थिति। ऊर्जा, रिन्यूएबल एनर्जी, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग, सीमेंट, एफएमसीजी और लॉजिस्टिक्स जैसे विविध क्षेत्रों से जुड़े प्रमुख उद्योगपति और निर्णय-कर्ता एक ही मंच पर उपस्थित रहेंगे। उनकी भागीदारी यह दर्शाती है कि मध्यप्रदेश को आज उद्योग जगत एक भरोसेमंद और भविष्य-उन्मुख राज्य के रूप में देख रहा है।

समिट के दौरान बड़े निवेश प्रस्तावों से जुड़ी परियोजनाओं का भूमिपूजन और लोकार्पण, भूमि आवंटन और आशय पत्रों का वितरण तथा उच्च रोजगार सृजन करने वाले उद्योगों का सम्मान जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह आयोजन इस बात का प्रमाण है कि ‘अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट’ केवल विचार और संवाद का मंच नहीं, बल्कि निवेश, रोजगार और क्रियान्वयन को एक साथ जोड़ने वाला ठोस प्रयास है।

यह आयोजन यह संदेश देता है कि मध्यप्रदेश में विकास एकांगी नहीं है। यहाँ उद्योग के साथ-साथ नगरीय जीवन की गुणवत्ता, पर्यटन की संभावनाएँ और एमएसएमई की मजबूती भी समान रूप से प्राथमिकता में हैं। ग्वालियर में होने जा रहा यह समिट राज्य की उसी संतुलित और यथार्थवादी विकास सोच का सजीव उदाहरण बनकर सामने आएगी।