Saturday, July 27, 2024
Homeराज्‍यमध्यप्रदेशचीतों की बाड़ाबंदी : कूनो में टाइगर की मौजूदगी के बाद आगे...

चीतों की बाड़ाबंदी : कूनो में टाइगर की मौजूदगी के बाद आगे बढ़ सकती है चीतों को खुले में छोड़ने की तारीख

भोपाल। प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में बड़े बाड़े में रखे गए चीतों को खुले जंगल में छोडऩे का अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। इंफेंक्शन के बाद इन्हें बाड़े में रखा गया था, जिन्हें कॉलर आईडी बदलने और बारिश समाप्त होने के बाद अक्टूबर माह में बड़े बाड़े में छोडऩे की तैयारी थी, लेकिन अभी तक चीतों को बाड़े से खुले जंगल में छोडऩे का कोई निर्णय नहीं हो सका है। अब जबकि कूनो नेशनल पार्क में कुछ दिनों पहले बड़े बाड़े के करीब ही एक टाइगर का मूवमेंट देखा गया है, इसके बाद तो अब चीतों को खुले जंगल में छोडऩे में और देरी होना संभव है।

बीते तीन दिन से एक वीडियो सोशल मीडिया में बहुत तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बाघ जंगल के अंदर कच्चे रास्ते से चलता हुआ दिख रहा है। कहा जा रहा है कि यह वीडियो कूनो नेशनल पार्क के अंदर चीतों के बड़े बाड़े के चंद मीटर दूरी का है। हालांकि श्योपुर वन विभाग का अमला भी कूनो नेशनल पार्क में बाघ के मूवमेंट होने की पुष्टि की है।

विशेषज्ञों की चिंता प्रभावित हो सकती है शिकार क्षमता

कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन के अनुसार अगर सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर माह के पहले सप्ताह में चीता स्टीयरिंग कमेटी की होने वाली बैठक के बाद इन्हें खुले जंगल में छोडऩे का निर्णय लिया जा सकता है। चीता विशेषज्ञों और वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने चीतों को चार माह से बाड़े में बंद कर रखने को लेकर चिंता जताई है। विशेषज्ञों का तर्क है कि चीता खुद शिकार कर अपना भोजन बनाता है, ऐसे में महीनों तक चीतों को बाड़े में बंद कर रखने ने चीतों के शिकार करने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।

खुला जंगल नहीं मिलने से बढ़ सकता है तनाव

विशेषज्ञों की मानें तो स्वस्थ चीतों को ज्यादा समय तक बाड़े में बंद करके नहीं रखा जा सकता है। बाड़ों में बंद चीतों को बाहर की दुनिया नहीं दिखते। चूंकि कूनो नेशनल पार्क में जिन चीतों को बड़े बाड़े में अभी रखा गया है, उन्हें चार माह पहले तक खुले जंगल में विचरण करने की आदत थी। ऐसे में चीतों को बाड़े में कैद कर रखने से उनमें तनाव भी बढ़ सकता है। ज्ञात हो कि पिछले साल साउथ नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते कूनो पार्क लाए गए थे। इनमें से 14 वयस्क चीते ही जीवित बचे हैं। 6 चीतों की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। इसमें से तीन चीतों की मौत जंगल में रहने के दौरान हो गई थी। इसके बाद बाकी चीतों को जंगल से पकड़कर बाड़ों में रखा गया। चीतों की मौत का बड़ा कारण कॉलरआईडी से संक्रमण होना पाया गया था।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments