खरगोन। भीकनगांव कस्बे से 12 किमी दूर स्थित अजजा बालिका छात्रावास छिरवा में सोमवार को बालिकाओं के साथ दुर्व्यवहार और धार्मिक गतिविधियां थोपने का मामला सामने आया है। कक्षा चौथी और पांचवीं की लगभग 15 बालिकाएं हॉस्टल छोड़कर स्वजन के पास पहुंच गईं।
बालिकाओं ने अधीक्षिका रीता खरते पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना, धार्मिक गतिविधियां थोपने और बर्तन धुलाने, गेहूं साफ कराने जैसे काम करवाने के गंभीर आरोप लगाए। बालिकाओं ने यह भी बताया कि अधीक्षिका उन्हें रात में बाईबल पढ़ने और प्रार्थना करने के लिए बाध्य करती थीं। इस प्रकार की गतिविधियां बालिकाओं को मानसिक रूप से परेशान कर रही थीं।
BEO ने किया हॉस्टल का दौरा
मामले की गंभीरता को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) दिनेश चंद्र पटेल ने छात्रावास का दौरा किया। उन्होंने बालिकाओं की शिकायतों की जांच के दौरान धार्मिक किताबें और कापियां जब्त कीं। बालिकाओं के स्वजन सयदीबाई बसंतपुर और मुकेश बडोले ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जांच के बाद अधीक्षिका रीता खरते को उनके पद से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर संगीता यादव को नियुक्त किया गया है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जाएगी।
वहीं इससे पहले पश्चिम सिंहभूम जिला के खूंटपानी कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की 60 से 70 छात्राएं वार्डन की प्रताड़ना से परेशान होकर अहले सुबह उपायुक्त से मिलने समाहरणालय परिसर पहुंच गईं थीं। अचानक इतनी बड़ी संख्या में पैदल ही कस्तूरबा की छात्राओं को देखकर सभी कोई हैरान थे।
छात्राओं का बयान
तुरंत ही इसकी जानकारी उपायुक्त अनन्य मित्तल को हुई, तो उन्होंने जिला शिक्षा अधीक्षक अभय कुमार सील को छात्राओं से मिलने भेजें। इस दौरान जानकारी देते हुए छात्राओं ने बताया कि खूंटपानी कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की वार्डन सुशीला टोपनो विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को काफी प्रताड़ित करती है।