मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीतों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है। कूनो नेशनल पार्क में एक और मादा चीता धात्री (टिबलिसी) की मौत की मौत की खबर सामने आई है। फिलहाल मादा धात्री (टिबलिसी) की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) असीम श्रीवास्तव ने मादा चीता धात्री (टिबलिसी) की मौत की पुष्टि की है। कूनो नेशनल पार्क की तरफ से इस संबंध में एक बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया कि मादा चीता की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। बयान में आगे कहा गया कि कूनो नेशनल पार्क में रखे गए 14 चीते (7 नर, 6 मादा और एक शावक) स्वस्थ हैं। कूनो वन्यप्राणी चिकित्सक टीम एवं नामीबियाई विशेषज्ञ के द्वारा चीतों का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
इससे पहले, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा था कि चीते कूनो नेशनल पार्क में ही रहेंगे। उन्होंने कहा था कि हम अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों समेत विशेषज्ञों के संपर्क में हैं। हमारी टीम वहां का दौरा करेगी। चीतों को शिफ्ट नहीं किया जाएगा और वे कूनो में ही रहेंगे।
गले में घाव के चलते बीते दिनों हुई थी चीता सूरज की मौत
कूनो नेशनल पार्क में बीते जुलाई में एक मेल चीते सूरज की कॉलर आई में संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी। जांच रिपोर्ट में चीते सूरज के गले में घाव और घाव में कीड़े होने की बात सामने आई थी। वहीं, सूरज से पहले जुलाई में ही नर चीता तेजस की मौत हुई थी। कूनो में लगातार हो रही चीतों की मौत से सरकार और वन विभाग चितिंत है।