उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल को अर्पित किया जाने वाले पंचामृत को ऐसे ही बहा दिया जाता है, लेकिन नगर निगम के जिम्मेदारों ने जल वैज्ञानिक के साथ मिलकर इस पर भी कार्य योजना बनाना शुरू कर दी है। इस पंचामृत को उपचारित कर इसे श्रद्धालुओं को वितरित करने पर विचार किया जा रहा है।
अभी व्यर्थ में बहा दिया जाता है पंचामृत
भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिदिन पंचामृत से अभिषेक किया जाता है एवं अर्पण किए हुए पंचामृत को व्यर्थ ही बहा दिया जाता है। भगवान श्री महाकालेश्वर को अर्पित किये जाने वाले पंचामृत के सदुपयोग को दृष्टिगत रखते हुये पंचामृत का उपचार कर प्रसाद स्वरूप श्रद्धालुओं में वितरण किये जाने पर विचार किया जा रहा है।
बाबा महाकालेश्वर को अर्पित किया जाने वाला पंचामृत जल उपचार के बाद श्रद्धालुओं को उपलब्ध हो सके। इसके लिए महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम आयुक्त रौशन कुमार सिंह और जल कार्य सीवरेज प्रभारी शिवेन्द्र तिवारी ने महापौर विश्राम गृह पर सिंगापुर के जल वैज्ञानिक डॉ. शैलेश खरकवाल के साथ पंचामृत जल को उपचारित कर श्रृद्धालुओं को उपलब्ध करवाने की कार्ययोजना पर चर्चा की एवं कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम को पंचामृत जल उपचार प्लांट स्थापित करने के संबंध में एक पत्र भी लिखा है। महापौर मुकेश टटवाल ने जल वैज्ञानिक डॉ. शैलेश खरकवाल के साथ पंचामृत जल को उपचारित करने की कार्ययोजना एवं जल उपचार की प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की आगामी बैठक में इस विषय को शामिल कर नगर निगम को इस सम्बन्ध में कार्ययोजना (प्रोजेक्ट) तैयार करने एवं क्रियान्वयन की सैद्धांतिक स्वीकृति के लिए इसे बैठक में शामिल किया जाएगा।