Saturday, July 27, 2024
Homeराज्‍यमध्यप्रदेशभोपाल का बीआरटीएस कॉरिडोर हटेगा, सीएम मोहन यादव ने पहली बार की...

भोपाल का बीआरटीएस कॉरिडोर हटेगा, सीएम मोहन यादव ने पहली बार की भोपाल विकास की समीक्षा

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में भोपाल में बीआरटीएस को हटाने पर सहमति बनी। जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में बीआरटीएस के कारण यातायात में उत्पन्न हो रही विभिन्न दिक्कतों पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसके बाद इसे हटाने पर सहमती बनी। बैठक में राजधानी में बीआरटीएस की लंबाई के अलग-अलग हिस्सों को चरणबद्ध रूप से हटाने एवं सड़क के समतलीकरण एवं सुगम यातायात के अनुकूल मार्ग के विकास के कार्यों की योजना पर भी बातचीत हुई। इस बैठक के साथ ही लोक निर्माण विभाग द्वारा लेक कॉरीडोर के प्रस्ताव पर भी प्रस्तुतिकरण एवं चर्चा हुई। जिसके तहत वीआईपी रोड के विस्तार को लेकर भी प्रजेंटेंशन दिया गया।

बनेगा सेंट्रल रोड डिवाइडर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीआरटीएस से पैदा हुई अनेक समस्याओं के अलग-अलग पहलुओं पर विस्तार से बातचीत हुई। भोपाल जिले के विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिनमें मंत्रीगण और विधायकगण शामिल हैं, उनसे भी अनेक सुझाव प्राप्त हुए। बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर सर्वसम्मति से भोपाल के बीआरटीएस को हटाने का निर्णय लिया गया।बैठक में मंत्री श्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय, मुख्य सचिव वीरा राणा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह, सचिव विवेक पोरवाल, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण सुखवीर सिंह, कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा एवं कलेक्टर भोपाल आशीष सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में रखे गए प्रमुख बिंदू

  • जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बीआरटीएस हटाने के निणज़्य से व्यस्त मागोज़्ं पर यातायात का दबाव कम हो सकेगा।
  • जनप्रतिनिधि इस बात पर भी सहमत हुए कि स्थानीय परिवहन व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। संपूर्ण यातायात को सुगम बनाया जाएगा।
  • बीआरटीएस के स्थान पर सेंट्रल रोड डिवाइडर बनाने पर सहमति हुई।
  • वर्तमान बीआरटीएस व्यवस्था पर प्रस्तुतिकरण में बीआरटीएस के विभिन्न हिस्सों में डेडिकेटेड कॉरीडोर और मार्ग के अन्य हिस्सों में वाहनों की आवाजाही से संबंधित तथ्य भी रखे गए। नगर के विभिन्न स्थानों पर बीआरटीएस के स्वरूप और की गई व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी गई।

13 साल पहले 360 करोड़ में बना था कॉरिडोर

बीआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी पूर्व मेयर सुनील सूद के कार्यकाल के अंतिम दौर में मिली थी जबकि इसका पूरा काम कृष्णा गौर के कार्यकाल में पूरा हुआ। इस पर 360करोड़ की लागत आई थी जिससे 22 किमी देश के सबसे लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण किया गया। इसे मिसरोद से चिरायु हास्पिटल तक बनाया गया। इस डेडीकेट लेन में जनता के लिए बसों के अलाव बाद में एंबुलेंस और वीआईपी काफिले को गुजरने की अनुमति दी गई। इसका निर्माण यूपीए सरकार की जेएनएनयूआरएम योजना के तहत हुआ था। शहर में इसके आलव तीन अन्य कॉरिडोर प्रस्तावित थे लेकिन बाद की सरकारों ने इन पर कोई काम नहीं किया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments